मध्यप्रदेश सियासी संकट पर सुप्रीमकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. यह बात की जानकारी मिली है.
जबकि सुनवाई के विशेष अंश इस प्रकार रहे
मध्यप्रदेश मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कई घण्टों से जारी है.
वकील कपिल सिब्बल ने कमलनाथ का पक्ष रखते हुए कहा कि बीजेपी ने विधायकों की हार्स ट्रेडिंग करने के लिए तीन चार्टर प्लेन का इंतजाम किया था.
इस बात को जस्टिस चंद्रचूड ने हल्के अंदाज में कहा चार्टर प्लेन कोई नई बात नही है, आजकल तो ये ट्रेंड चल रहा है. क्या आपको नहीं लगता कि फ्लोर पर बहुमत साबित होना चाहिए.
सिब्बल ने कहा कि चार्टर प्लेन दिल्ली एयरपोर्ट से उड़े जो हाई सिक्यूरिटी वाला एरिया है और वो केंद्र सरकार के नियंत्रण में है, और उन्होंने ही उसे उड़ने की अनुमति दी....कोई उन विधायको से नहीं मिल सकता क्या ये स्वतंत्र व्यक्ति की परिभाषा है.
मुकुल रोहतगी ने सिब्बल की दलीलों के दौरान कहा सुबह से सिब्बल जी दलील दे रहे है इस वक्त तीन बज रहे हैं हमें भी मौका दिया जाए.
सिब्बल ने रामदास अठावले और केंद्र सरकार के एक केस का हवाला देते हुए कहा कि जब सत्र नहीं चल रहा हो तब राज्यपाल के पास अधिकार होता है, कानून स्पष्ट है कि जब सत्र चल रहा हो राज्यपाल ऐसा नहीं कर सकते है. ये किस तरह की राजनीति है कि हम कांग्रेस विधायकों से मिल नहीं सकते , बात नहीं कर सकते.
जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि हम कैसे जो बागी विधायक हैं उनको बाध्य करने के लिए आपसे मुलाकात करने के लिए.
सिब्बल ने कहा कि आपको बात नहीं करना है लेकिन आपको यह इंश्योर करना होगा कि हम जहां जाना चाहते हैं वहां स्वच्छंदता से जा सकते हैं.
राज्य सरकार की तरफ से विवेक तन्खा ने पक्ष रखना शुरु किया. राज्यपाल ये विचार कैसे बना सकते हैं कि सरकार के पास बहुमत नहीं है , जबकि विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं, राज्यपाल को राजनैतिक झमेले मे नहीं पड़ना चाहिए.
न्यायाधीश ने कहा कि तन्खा जी सिंघवी जी और सिब्बल जी ये बता चुके हैं कुछ नया हो तो बताइये.
BJP की और से मुकुल रोहतगी ने अपनी बात रखना शुरु की. इस केस को समझने के लिए बोम्मई वाला मामला सबसे बड़ा उदाहरण है, कर्नाटक में भी विधानसभा चल रही थी.
जस्टिस चंद्रचूड ने सवाल किया क्या गवर्नर विधानसभा का एजेंडा तय कर सकते हैं.
रोहतगी ने कहा कि सच्चाई ये है कि वो भी इस्तीफा देना चाहते हैं,वो फ्लोर पर नहीं आना चाहते हैं.
रोहतगी ने कहा कि आप दो सप्ताह का वक्त क्यों मांग रहे हैं?
ये क्यों हो रहा है चार्टेड प्लेन के कारण, मिस्टर सिब्बल के पास कोई कारण नहीं है, वे खुद अपने विधायकों को लेकर राजस्थान गए थे. क्या यह कह सकते हैं कि राज्यपाल ने जो एक संभावित निष्कर्ष दिया,वो गलत है. वो दस दिनों की और मांग कर रहे हैं,वो इस्तीफे को लंबा खींचना चाहते हैं जो कि गलत है, यह बात मुकुल रोहतगी ने कही.
जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि आपको अभी भी पांच की जरुरत है, अभी आप 107 है, मान लीजिए यदि ये 15 लोगों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए जाएंगे वो डिसक्वालिफाई हो सकते हैं.