एमपी में कुछ बड़ा होने वाला है, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया ये बड़ा काम!

Update: 2019-11-25 05:56 GMT

मध्यप्रदेश में अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहाँ कांग्रेस के बड़े नेता और ग्वालियर के महाराजा ज्योदिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर अपना स्टेटस बदल लिया है.क्या एमपी में कुछ बड़ा होने वाला है. 

अब इस खबर के बाद एकदम एक बड़ी खबर सामने आई है जिससे मध्यपदेश के राजनीत में सरगर्मी बनी कि आखिर कांग्रेस के इस बड़े नेता ने ट्विटर पर अपना स्टेटस बदल क्यों बदल लिया है. 







 लंबे समय से खामोश चल रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुप्पी तोड़ दी है। सिंधिया ने अपने आप को कांग्रेस से अलग कर लिया है। दरअसल, सिंधिया ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल में अपनी पोस्ट बदल दी है। कांग्रेस से किनारा करते हुए सिंधिया ने ट्विटर प्रोफाइल पर खुद को समाज सेवक और क्रिकेट प्रेमी बताया है। सिंधिया में अचानक आए इस बदलाव से कांग्रेस में हलचल बढ़ गई है। इसे सिंधिया की लंबे समय से पार्टी से चल रही नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है, हालांकि खुले तौर पर सिंधिया ने इसे स्वीकार नही किया है। वही सिंधिया की पीएम मोदी से मुलाकात की खबरें भी सामने आ रही है।

इससे पहले सिंधिया ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद अपने पद में बदलाव किया था।सिंधिया ने ट्वीटर प्रोफाइल पर कांग्रेस महासचिव, 2002-2019 तक गुना लोकसभा सीट से सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री लिखा था।लेकिन अब उन्होंने इसे भी हटाकर खुद को समाज सेवक और क्रिक्रेट प्रेमी लिख दिया है। सिंधिया ने अपनी नई प्रोफाइल में कांग्रेस का कोई जिक्र नहीं किया है। इसे सिंधिया की लंबे समय से पार्टी से चल रही नाराजगी से जोडकर देखा जा रहा है। विधानसभा चुनाव के बाद से ही पार्टी और सिंधिया में तनातनी चल रही है।वे सीएम बनना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने कमलनाथ को यह मौका दे दिया।

इसके बाद उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाने की मांग उठी, इसके लिए समर्थक मंत्रियों और नेताओं ने भी खुलकर इसका समर्थन किया और हाईकमान से मांग की प्रदेश की कमान सिंधिया को सौंपी जाए, इसको लेकर खूब बवाल भी मचा लेकिन पार्टी ने कोई फैसला नही लिया। बीते दिनों उनके बीजेपी में जाने की अटकलें भी जोरों पर रही हालांकि उन्होंने इस बात का खंडन कर दिया।इस घमासान के बीच उनके बेटे महाआर्यमन ने भी सिंधिया का एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसके बाद कांग्रेस में उथल-पुथल मच गई थी।इसके बाद सिंधिया को महाराष्ट्र-हरियाण की जिम्मेदारी देकर विवाद को दूसरी दिशा दी गई। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद फिर मांग उठी तो सिंधिया को झारखंड की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। लेकिन अबतक पीसीसी चीफ का फैसला नही हो पाया है।

माना जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम से नाराज होकर सिंधिया ने ये कदम उठाया है। अचानक हुए इस बदलाव से भोपाल से दिल्ली तक हड़कंप मच गया है।सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो चला है। हाल ही में कई बार सिंधिया अपनी ही सरकार का घेराव करते हुए भी नजर आए थे। उन्होंने सीएम को कई मुद्दों के लेकर पत्र भी लिखा था, जिसने चर्चाओं के बाजार को गर्म कर दिया था। हैरानी की बात ये है कि अभी तक इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस के किसी भी नेता की प्रतिक्रिया सामने नही आई है। अब सियासी महकमे में इसको लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। लोग अब इसके मायने निकालने लगे हैं।

पिछले काफी समय से मध्यप्रदेश में राजनीतक तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कभी कुछ बात तो कभी कुछ बात लगातार सामने आई है. लेकिन अब तक उनकी तरफ से कोई भी इस तरह का काम नहीं किया गया जो पार्टी के हित में न हो. उन्होने कई बार इन बातों का खंडन भी किया. इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने में उन्होंने सबसे बड़ी भूमिका निभाई. उसके बाद उनको उस मेहनत का फल नहीं मिला. 

उसके बाद प्रदेश में उनके समर्थक उनको प्रदेश अध्यक्ष के पद पर देखना चाहते है. इसके बाद लगातार वहां की जनता उनको प्रदेश के महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी कांग्रेस द्वारा देना चाहती है लेकिन अभी तक कांग्रेस पार्टी की और से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. 

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