मध्यप्रदेश से बड़ी खबर: मंत्री जीतू पटवारी को कर्नाटक में विधायक से मिलने पर पुलिस से हुई मारपीट, देखिये वीडियो
सिंधिया खेमे के 10 MLA और 2 मंत्री बीजेपी में जाने को तैयार नहीं!
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच भारतीय जनता पार्टी के पाले में गेंद अब भी पूरी तरह से आती हुई नहीं दिख रही है. सूत्रों के मुताबिक बेंगलुरू में ठहरे ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 10 विधायक और 2 मंत्री भाजपा में जाने को तैयार नहीं हो रहे हैं. उनका कहना है कि हम लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए आए थे, भाजपा में जाने के लिए नहीं.
मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक संकट के बीच बेंगलुरू से बड़ी खबर आ रही है. यहां सिंधिया समर्थक मंत्रियों-विधायकों से मिलने गए कमलनाथ सरकार के दो मंत्रियों जीतू पटवारी और लाखन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है.पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई.खबर आ रही है कि बेंगलूर में मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह सिंधिया समर्थकों को मनाने गए थे. लेकिन जिस रिसॉर्ट में सिंधिया समर्थक थे वहां पुलिस के साथ उनकी झड़प, तीखी बहस हुई. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने दबाव में उसके दोनों नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया.
वहीं भोपाल में दिग्विजयसिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा कर्नाटक में कांग्रेस विधायकों को जबरन बंदी बनाकर परिजनों से भी बात नहीं करने दे रही. विधायक मनोज चौधरी वापस आना चाहते थे। उनके पिता जीतू पटवारी के साथ कर्नाटक पहुंचे थे. वहा मौजूद पुलिस ने जीतू पटवारी के साथ मारपीट की ऐसी खबर आरही है.
अब एएनआई समाचार एजेंसी द्वारा बताया गया है कि कांग्रेस नेता जीतू पटवारी बेंगलुरू के बुलेवार्ड दूतावास में मध्य प्रदेश से आए कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने की कोशिश कर रहे थे. तभी उनकी एक पुलिस कर्मी के साथ हाथापाई हुई.
#WATCH कर्नाटक: कांग्रेस नेता जीतू पटवारी बेंगलुरू के बुलेवार्ड दूतावास में मध्य प्रदेश से आए कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने की कोशिश कर रहे थे। तभी उनकी एक पुलिस कर्मी के साथ हाथापाई हुई। pic.twitter.com/KYOfs4CQDH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 12, 2020
वहीं बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश भाजपा में भी अंदरूनी खींचतान शुरू हो गई है. मंगलवार को भाजपा कार्यालय में नरोत्तम मिश्रा के समर्थन में नारे लगे थे, जिसे लेकर अंदरूनी खींचतान शुरू हो गई. इसके साथ ही पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि बेंगलुरु में रुके हुए कांग्रेस विधायक भी अपने भूमिको को लेकर पसोपेश में हैं.
बता दें, कांग्रेस को जबरदस्त झटका देते हुए पार्टी के प्रमुख युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया. सिंधिया के साथ ही उनके समर्थक पार्टी के 22 विधायकों के इस्तीफे से राज्य की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. कांग्रेस छोड़ने वाले 49 वर्षीय सिंधिया केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं.
उनकी दादी दिवंगत विजय राजे सिंधिया इसी पार्टी में थीं. ऐसी अटकले हैं कि सिंधिया को राज्यसभा का टिकट दिया जा सकता है और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है. कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण पार्टी के महासचिव एवं पूर्ववर्ती ग्वालियर राजघराने के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से निष्कासित कर दिया.
मंगलवार सुबह जब पूरा देश होली का जश्न मना रहा था, तभी सिंधिया ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की. बैठक में क्या बातचीत हुई, इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है. अब दोनों पार्टियां कांग्रेस और भाजपा अपने-अपने विधायकों को बचाने में लगी हैं.