भोपाल । मप्र कैडर में 84 बैच का कोई भी आईएएस अब मुख्य सचिव नहीं बन पाएगा, बल्कि 85 बैच के अधिकारी को ही सीएस बनने का मौका मिलेगा। वर्तमान मुख्य सचिव एसआर मोहंती को भी सरकार एक्सटेंशन देने की फिराक में नहीं है। इसका सीधी फायदा एसीएस एम गोपाल रेड्डी को मिलेगा। 84 बैच के आईएएस स्वयं के कारणों से सीएस की दौड़ से बाहर हो गए हैं, जबकि इकबाल सिंह बैंस की शिवराज सरकार में नजदीकी रही है और प्रभांशु कमल को लेकर भी सीएम की नजर में उनकी छवि अच्छी नहीं है।
शिवराज सरकार के समय 84 बैच के आईएएस बीपी सिंह को मुख्य सचिव बनाया गया था, जबकि उनसे सीनियर 82 बैच के आईएएस एसआर मोहंती को इसका लाभ नहीं मिल पाया था, मगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही एसआर मोहंती मुख्य सचिव बनाए गए। मोहंती 31 मार्च 2020 को रिटायर होंगे। शिवराज सरकार ने उससे पहले आर परशुराम को भी छह महीने का एक्सटेंशन दिया था और उसके बाद बीपी सिंह को भी एक्सटेंशन मिला, मगर एसआर मोहंती के मामले में अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि राज्य सरकार ने मोहंती को एक्सटेंशन देने के लिए अभी तक डीओपीटी को पत्र नहीं भेजा है, जबकि बीपी सिंह के मामले में पांच महीने पहले ही पत्र भेज दिया था। इसके पीछे कुछ समय पहले सामने आए हनी ट्रैप मामले में भी कई अफसरों की छवि मुख्यमंत्री के समक्ष उजागर हुई है,इसके कारण भी कई अफसरों का अगला सीएस बनना रोड़ा बन गया है।
सूत्रों का कहना है कि खासकर 84 बैच के पीसी मीना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उन्हें मंत्रालय से बाहर कर दिया गया और एपी श्रीवास्तव के मामले में बार-बार अवकाश जाना, अपनी मनमर्जी से काम करना, मुख्यमंत्री को रास नहीं आया है। वैसे एपी श्रीवास्तव ने स्वयं लिखकर दिया है कि वे मंत्री उमंग सिंघार के साथ काम नहीं करना चाहते हैं। इस तरह सीएस की दौड़ से 84 बैच के ये दोनों अधिकारी बाहर हो गए हैं। 85 बैच में राधेश्याम जुलानिया तथा दीपक खांडेकर केंद्र सरकार में सचिव हैं और राज्य सरकार अभी उन्हें वापस मप्र लाने के मूड में नहीं है। वर्तमान में सीनियर्टी के हिसाब से इकबाल सिंह बैंस तथा प्रभांशु कमल बचते हैं, लेकिन बैंस पर शिवराज के करीबी रहने की छाप लहीं हुई हैं और प्रभांशु की छवि मुख्यमंत्री की नजर में ठीक नहीं है।
सीएम से नजदीकी का फायदा मिलेगा
अगला सीएम एम गोपाल रेड्डी को बनाए जाने की संभावना है। रेड्डी एक समय छिंदवाड़ा के कलेक्टर भी रहे हैं और वर्तमान में मुख्यमंत्री से उनकी नजदीकी का फायदा भी उन्हें मिल सकता है। वैसे एक अप्रैल को सीएस बनने पर एम गोपाल रेड्डी को छह महीने का ही कार्यकाल मिलेगा, परन्तु सरकार ने उन्हें अभी से ही सीएस बनने और उसके बाद छह महीने का एक्सटेंशन दिलाने का मन बना लिया है, जिससे रेड्डी एक साल तक मुख्य सचिव के पद पर रह सकेंगे।मध्यप्रदेश के अगले मुख्यसचिव होंगे एम गोपाल रेड्डी!