मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से कड़े मुकाबले के बाद कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है. कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की दौड़ मैं 2 नाम शामिल बताए जा रहे हैं. एक नाम प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का तो दूसरा नाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का है. कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं तो सिंधिया प्रचार चुनाव समिति के अध्यक्ष हैं.
लेकिन इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव पार्टी आलाकमान को सौंप दिया है इसके बाद उन सभी कया 100 पर विराम लग गया है जिसमें कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सिंधिया शामिल है विधायक दल की बैठक के बाद यह प्रस्ताव सिंधिया ने पार्टी आलाकमान को सौंपा है.
बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान ही दोनों नेताओं के समर्थकों ने कमलनाथ और सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह कर वोट मांगे खुद सिंधिया ने कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र पांडे के लिए जनसभा के दौरान इसके संकेत भी दिए थे. नतीजे आने के बाद समर्थकों को अपने अपने नेता के पक्ष में जमकर नारेबाजी भी करनी पड़ी. इस मसले पर पूरे दिन विचार मंथन होता रहा .आखिर कांग्रेस ने युवा के बजाय अनुभव को तरजीह देना बेहतर समझा. इससे इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने खुद कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी.