मध्यप्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका, एक विधायक ने और दिया इस्तीफा
मध्यप्रदेश में सरकार गिरने के बाद भी कांग्रेसी विधायक बीजेपी की और जाने की लालसा नहीं छोड़ पा रहे है उधर कमलनाथ कुछ नहीं कर पा रहे है.
भोपाल: मध्य प्रदेश: मांधाता से कांग्रेस विधायक, नारायण पटेल ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया। कांग्रेस को यह एक बड़ा झटका है जबकि एक विधायक से पार्टी के किसी भी नेता का सम्पर्क नहीं हो पा रहा है। फिलहाल कांग्रेस गम सदमें से उबरती नजर नहीं आ रही है।
उपचुनाव (BY Election) से पहले मध्यप्रदेश (Madhypradesh) की राजनीति में उथल-पुथल का सिलसिला जारी है। एक हफ्ते में दो कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देकर बीजेपी जॉइन करने के बाद कांग्रेस को फिर बड़ा झटका लग सकता हैं। खबर मिल रही है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के दो और विधायक बीजेपी में शामिल हो सकते है। ऐसे इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि निमाड़ के दो कांग्रेस विधायक बुधवार से लापता बताए जा रहे है। दोनो विधायकों के फोन बंद आ रहे हैं।
कांग्रेस के बडे नेता लगातार विधायकों से संपर्क करने की कोशिश में जुटे हुए है। इधर दोनो के भाजपा जॉइन करने की खबर से काँग्रेस में हड़कंप मच गया है। हालांकि मीडिया में कई दिनों से चार-पांच कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में संपर्क में होने की खबर सामने आ रही थी। अब कुछ दिन से प्रदेश की राजनीति में ये हलचल थी कि कांग्रेस के पांच विधायक बड़ा झटका दे सकते हैं। इनके भाजपा में शामिल हाेने का दावा किया जा रहा है। इनमें बुंदेलखंड से 4 और महाकौशल से 1 विधायक भाजपा के संपर्क में होने की खबरें हैं,ऐसे में दो विधायकों के अचानक लापता होने पर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई।
इधर, हाल ही में कांग्रेस के दो विधायकों नेपानगर से सुमित्रा देवी और बड़ामलहरा से प्रद्युमन सिंह लोधी ने इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद आनन-फानन में कांग्रेस के पीसीसी चीफ कमलनाथ ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी, जिसमें 90 में से केवल 60-65 विधायक ही पहुंचे थे, और फिर बैठक के दूसरे दिन ही पिछोर से कांग्रेस विधायक केपी सिंह गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलने उनके बंगले पहुंचे थे। इसके बाद से ही कई तरह के कयास लगाए जा रहे है और अब यूं दो विधायकों का लापता होना कई सवालों को जन्म दे रहा है।
बता दे कि हाल ही में मुरैना की वर्चुअल रैली में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री ऐंदल सिंह ने बड़ा दावा करते हुए कहा था कि उपचुनाव(by-election) से पहले अभी भी उनके संपर्क में 15 ऐसे कांग्रेसी विधायक हैं जो बीजेपी में शामिल होने की ख्वाहिश रखते हैं।इसके साथ ही ऐंदल सिंह ने यह भी कहा था कि अगर बीजेपी आलाकमान का आदेश हो तो वह 15 के 15 कांग्रेसी एमएलए को बीजेपी में शामिल करा सकते हैं। इस घटनाक्रम को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
नेपानगर से सुमित्रा देवी और बड़ामलहरा से प्रद्युमन सिंह लोधी के इस्तीफा के बाद 26 सीटों पर उपचुनाव की स्थिति बन गई है। इससे पहले होली के दौरान पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ 22 विधायकों ने बगावत करके कांग्रेस से इस्तीफे दे दिया था और मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार(kamalnath sarkar) अल्पमत में आ गई और गिर गई थी। इसके बाद बीजेपी ने सरकार बना ली थी। वर्तमान में 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायकों की संख्या 92 हो गई थी। लेकिन सुमित्रा देवी के पार्टी छोड़ने के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायकों की संख्या 90 हो गई है। वही बीजेपी विधायकों की संख्या 107 है, अब 24 की जगह 26 सीटों पर उपचुनाव होंगे।यही चुनाव तय करेंगे कि कांग्रेस एमपी में वापसी करेगी या फिर बीजेपी सरकार बचाने में कामयाब होगी।