मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान क्या बीजेपी की राष्ट्रीय राजनीति में जा सकते हैं? क्या अब पार्टी पार्लियामेन्ट्री बोर्ड के सदस्य शिवराज को केन्द्रीय मंत्री बनाकर दिल्ली बुला सकती है. यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि शिवराज को मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया जा रहा है.
दरअसल, खुद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे तेरह साल मुख्यमंत्री रह चुके हैं इसलिए खुद ब खुद नेता हैं. उनको नेता प्रतिपक्ष बनने की ज़रूरत नहीं है. केन्द्रीय मंत्री बनाए जाने पर पूछे सवाल को शिवराज काल्पनिक सवाल कहकर टाल गए मगर बार-बार यह कह रहे हैं कि वे तो मध्य प्रदेश में काम करना चाहते हैं, आगे पार्टी की मर्ज़ी.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम बीजेपी के कार्यकर्ता हैं. पार्टी ने जो कहा किया. मुझे लगता है कि पार्टी ने जो काम दिया है वह काम करना ही चाहिए, लेकिन मेरा सोचना है कि "तेरह साल तक सीएम रहा इसलिए अपने आप नेता हूं औऱ किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं. मुझे काम करना है तो मैं विधानसभा में बोलूंगा, दौरे पर बोलूंगा, इसलिए मुझे लगता है कि औऱ किसी चीज़ की जरूरत नहीं है."
उन्होंने कहा कि मेरा इमोशनल अटैचमेंट मध्य प्रदेश की जनता से है औऱ मैं उसकी सेवा करना चाहता हूं. मैं सुख में नहीं तो दुख में सदा खड़ा रहूं, ये मेरे लिए भावनात्मक विषय है. मेरी इच्छा है, बाकी पार्टी जो निर्णय करेगी वह सर्वमान्य होगा.