तो क्या कमलनाथ की सरकार गिर जायेगी, 8 विधायक गुड़गाँव के होटल में

बीती रात गुरुग्राम में जबरदस्त हलचल रही. कांग्रेस के नेता और मंत्री एक पांच सितारा होटल में रखे गए 10 विधायकों को छुड़ाने पहुंच गए. काफी जद्दोजहद के बाद उन्होंने 6 विधायक छुड़ा लिए जबकि कांग्रेस का आरोप है कि अब भी 4 विधायक बीजेपी के पास हैं.

Update: 2020-03-04 04:08 GMT

मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार संकट में दिख रही है. कांग्रेस का कहना है कि आठ विधायकों को बीजेपी ने जबर्दस्ती गुड़गाँव के एक होटल में रखा है. इन आठ विधायकों में चार कांग्रेस के हैं. इसमें सपा-बसपा के एक-एक विधायक हैं, इसमें अलावा दो निर्दलीय विधायक हैं. इन विधायकों का समर्थन भी कमलाथ सरकार को मिला हुआ है. मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट ने टीवी चैनलों से बातचीत में दावा किया है कि उनके चार विधायकों में से एक विधायक और पूर्व मंत्री बिसाहुलाल सिंह ने फ़ोन कर बताया है कि उन्हें गुड़गाँव के आईटीसी मराठा होटल में जबर्दस्ती रखा गया है और बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है.

तरुण भनोट ने कहा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार के दो मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह उस होटल के पास हैं लेकिन उन्हें अंदर आने नहीं दिया गया. भनोट ने कहा है, ''हरियाणा में बीजेपी की सरकार है और उसने होटल में पुलिस की तैनाती कर दी है. यहां बीजेपी के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा हैं और वो हमारे दोनों मंत्रियों को होटल के भीतर नहीं आने दे रहे हैं.'' 

इन विधायकों के गुड़गाँव आने पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि बीजेपी उनके विधायकों को रिश्वत के ज़रिए ख़रीदने की कोशिश कर रही है. दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा ने उनके विधायकों 25 से 35 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव रखा है. 

पिछले साल मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार पर विधानसभा में हमला बोलते हुए कहा था कि अगर उनकी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से एक इशारा किया गया तो यहां कांग्रेस की सरकार 24 घंटे नहीं टिक सकती है. पिछले साल 24 जुलाई को गोपाल भार्गव ने विधानसभा में कहा था, ''हमारे ऊपर वाले नंबर एक या दो का आदेश हुआ तो 24 घंटे भी आपकी सरकार नहीं चलेगी.''

पाल भार्गव के इस दावे के बाद विधानसभा में क्रिमिनल लॉ पर मतदान हुआ था और इसमें कमलनाथ सरकार के पक्ष में 122 विधायकों ने वोट किया था. यह 231 विधायकों वाली विधानसभा में साधारण बहुमत से सात ज़्यादा विधायकों का समर्थन था. यहां तक कि दो बीजेपी विधायकों ने भी सरकार का समर्थन किया था. अभी राज्य विधानसभा में कुल 228 विधायक हैं. दो सीट संबंधित विधायकों के निधन से ख़ाली है. कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं और बीजेपी के पास 107. बाक़ी नौ विधायकों में दो बीएसपी, एक समाजवादी पार्टी और चार निर्दलीय हैं.

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