शिवराज कैबिनेट के दूसरे विस्तार से पहले बीजेपी में मची कलह, ये विधायक बोले ये बात
गौरतलब है कि फिलहाल शिवराज कैबिनेट में सिर्फ पांच मंत्री हैं। इनमें से दो सिंधिया समर्थक और तीन भाजपा के कोटे से हैं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, शिवराज कैबिनेट के दूसरे विस्तार के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। कई स्तर पर चर्चाओं के दौर चल रहे हैं।
शिवराज कैबिनेट के दूसरे विस्तार की सुगबुगाहट के साथ ही मध्य प्रदेश में उन कद्दावर नेताओं का भारी विरोध हो रहा है जो लंबे समय तक मंत्री बने रहे। कार्यकर्ताओं के साथ ही उन जिलों के विधायकों द्वारा भी कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल किए जाने की मांग की जा रही है। महाकोशल में अजय विश्नोई, गौरीशंकर बिसेन, विंध्य क्षेत्र में राजेंद्र शुक्ल, मालवा अंचल में विजय शाह का भारी विरोध हो रहा है।
गौरतलब है कि फिलहाल शिवराज कैबिनेट में सिर्फ पांच मंत्री हैं। इनमें से दो सिंधिया समर्थक और तीन भाजपा के कोटे से हैं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, शिवराज कैबिनेट के दूसरे विस्तार के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। कई स्तर पर चर्चाओं के दौर चल रहे हैं।
संभावना जताई जा रही है कि इसी सप्ताह कभी भी नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। फिलहाल जो तैयारी है, उसके मुताबिक लगभग 23 मंत्रियों को शपथ दिलाने की तैयारी है। इसमें सिंधिया कैंप के आठ से 10 वे पूर्व विधायक हो सकते हैं, जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं।13 चेहरे भारतीय जनता पार्टी के हो सकते हैं।
विरोध पर उतरे कार्यकर्ता और विधायक
इधर मंत्री बनने वाले कई दावेदारों का विरोध भी हो रहा है। विंध्य क्षेत्र से राजेंद्र शुक्ल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता है। इस बार फिर उन्हें मंत्री बनाए जाने की संभावना है लेकिन स्थानीय विधायक और कार्यकर्ता विरोध में हैं। सोशल मीडिया से लेकर संगठन तक नए चेहरे को कैबिनेट में लिए जाने की मांग की जा रही है।
यही स्थिति जबलपुर में अजय विश्नोई को लेकर है। विश्नोई शिवराज सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और आरएसएस से जुड़े लोग इनका विरोध कर रहे हैं। वहीं, बालाघाट से मंत्री रहे गौरीशंकर बिसेन का भी व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है।
2018 विधानसभा चुनाव से पहले का एक कथित वीडियो भी बिसेन के खिलाफ वायरल हो रहा है। इसमें केंद्रीय मंत्री बनने के लिए मोटी रकम देने की बात कही जा रही है। यही स्थिति मालवांचल के विजय शाह के साथ है। शाह को लेकर आदिवासी वर्ग विरोध में है। वे नए चेहरे को स्थान देने की मांग कर रहे हैं। उधर, पार्टी सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट विस्तार राज्यसभा चुनाव होने तक टाला भी जा सकता है। इस पर विचार चल रहा है।
आधा दर्जन विधायकों ने मोर्चा खोला
इधर विंध्य में भाजपा के कई वरिष्ठ विधायक राजेंद्र शुक्ल को मंत्री बनाए जाने के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। सूत्रों ने बताया कि कुंवर सिंह टेकाम, केदार शुक्ल, राम लल्लू वैश्य, दिव्यराज सिंह, गिरीश गौतम और नागेंद्र सिंह की एक गोपनीय बैठक हुई।
इसमें तय किया गया कि यदि फिर राजेंद्र शुक्ल को ही मंत्री बनाया गया तो वे संगठन में इसका विरोध करेंगे। एक विधायक ने कहा कि क्या विंध्य में भाजपा के पास सिर्फ एक ही चेहरा है। इधर, कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे प्रदीप जायसवाल ने मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की। वहीं, ओबीसी विधायकों ने गौरीशंकर बिसेन के विरोध में मोर्चा खोला हुआ है। वे कह रहे हैं कि 1985 से जिन लोगों को पार्टी ने विधायक और मंत्री बनाया, क्या अब नई पीढ़ी के लोगों को आगे नहीं लाया जाना चाहिए।