पीएम मोदी जी सिर्फ हिन्दू मुस्लिम ध्रुवीकरण, पाकिस्तान और राहुल पर ही बात क्यों?
गिरीश मालवीय
प्रधानमंत्री अपनी एक भी चुनावी रैली में नोटबन्दी ओर जीएसटी की सफलता नही गिनाते. उनके भाषण की मूल विषयवस्तु सिर्फ हिन्दू मुस्लिम ध्रुवीकरण ओर पाकिस्तान है लेकिन यही मोदी लाल किले से चिल्ला चिल्ला कर बता रहे थे कि नोटबन्दी से टैक्स कलेक्शन बढ़ गया.
नोटबन्दी को सफल बताते हुए मोदी सरकार ने कहा था कि इससे 2016-17 में 1.06 नए टैक्सदाता जुड़े जो जो पिछले साल के मुकाबले 25 पर्सेंट ज्यादा हैं। लेकिन आज की जनसत्ता की खबर बताती है कि 2016 में ही 'स्टॉप फाइलर्स' श्रेणी में आने वाले टैक्सदाताओं की संख्या में भी जोरदार इजाफा हुआ, जिससे बीते 4 साल का ट्रेंड पूरी तरह बदल गया। ( स्टॉप फाइलर्स' के तहत वे लोग आते हैं, जिन्होंने बीते सालों में आईटी रिटर्न दाखिल तो किया, लेकिन वर्तमान साल में ऐसा नहीं किया )
2016-17 में स्टॉप फाइलर्स की तादाद पिछले वित्त वर्ष यानी 2015-16 के 8.56 लाख के मुकाबले 10 गुना बढ़कर 88.04 लाख हो गई। इसके अलावा नोटबंदी के बाद भारत में लोगों साल 2018 में 1. 1 करोड़ नौकरियां गंवाई, इनमें से 90 लाख नौकरियां तो केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही खत्म हो गयी।
कुछ दिन पहले ही 2018- 19 वित्तीय वर्ष में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़े सामने आए हैं जिसमे पता चला है कि इस बार कलेक्शन में 50,000 करोड़ रुपये की कमी आई है, 2018-19 के लिए 12 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन खराब पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन के चलते टैक्स कलेक्शन में गिरावट हुई है। साफ है कि यह नौकरियां छिनने ओर आय में कमी का नतीजा हैं कल बीजेपी सांसद एक स्टिंग ऑपरेशन मे यह कहते सुने गए कि नोटबन्दी से देश की अर्थव्यवस्था तबाह और बर्बाद हो गयी।