VIDEO Story : ग्वालियर में कांग्रेस ने बदला इतिहास, BJP का 57 साल पुराना 'किला' ढहा, क्या अपनों ने बिगाड़ दिया सिंधिया का गणित?
बीजेपी प्रत्याशी सुमन की हार करें या कांग्रेस प्रत्याशी शोभा की जीत- दोनों का मतलब एक ही ज्योतिरादित्य सिंधिया की दाल नहीं गली।
ग्वालियर में अब कांग्रेस की महापौर
सिंधिया के आसरे बीजेपी खो बैठी ठौर
ढह गया ज्योतिरादित्य सिंधिया का किला
कांग्रेस से बगावत का मिल गया सिला
सिंधिया के आने से कमल मुरझाया
57 साल बाद ग्वालियर में पंजा लहराया
Gwalior municipal corporation election result : महापौर चुनाव में मतदाताओं ने बहुत उत्साह नहीं दिखाया था। महज ४९ फीसदी से थोड़ा ज्यादा हुआ मतदान। इस बात से ही थी बीजेपी परेशान। मगर, कांग्रेस के चेहरे खिले हुए थे। नतीजों ने उम्मीदों को सही ठहराया। बीजेपी नेताओं के मुंह लटक गये, तो कांग्रेस के नेताओं के चेहरों पर लौट आयी है रौनक।
हो भी क्यों नहीं। महापौर के लिए ग्वालिर से कांग्रेस की उम्मीदवार थीं शोभा सिकरवार। पहले चरण से जो बढ़त शोभा ने बढ़ाई, वह जीत मिलने तक हर राउंड में रही जारी। भाजपा की सुमन शर्मा ने टक्कर तो दी, लेकिन उनसे जीत की थी उम्मीद। यह उम्मीद परवान नहीं चढ़ सकी।
बीजेपी प्रत्याशी सुमन की हार करें या कांग्रेस प्रत्याशी शोभा की जीत- दोनों का मतलब एक ही ज्योतिरादित्य सिंधिया की दाल नहीं गली। कांग्रेस के लिए यह उम्मीद पैदा करने वाले नतीजे हैं। न सिर्फ महापौर की सीट पर कांग्रेस ने कब्जा किया है बल्कि ग्वालियर में ६६ वार्डों में भी कांग्रेस ने मजबूत पकड़ दिखलायी है। बेशक बीजेपी ने ३५ सीटों पर जीत पायी है लेकिन कांग्रेस ने भी दो दर्जन सीटों पर पंजा लहराते हुए संकेत दे दिया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में मुकाबला कांटे का होने वाला है।
आम आदमी पार्टी की रूचि गुप्ता ने ३५ हजार से ज्यादा वोट हासिल कर यह जता दिया है कि जीत बीजेपी की हो या कांग्रेस की, उसकी मौजूदगी का असर दिखेगा। वार्ड चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर भविष्य में त्रिकोणात्मक संघर्ष की बुनियाद रख दी है।