अब मालवा इलाके में अपने लोगों से मिलेंगे सिंधिया

सिंधिया के इस चार दिन के दौरे से भाजपा संगठन दूर ही है।उनके दौरे की जानकारी उनके पुराने साथी की ओर से मीडिया को दी गयी है।भाजपा संगठन इस यात्रा से अनभिज्ञ सा है।

Update: 2021-07-03 16:31 GMT

भोपाल।भाजपा में अपने समर्थकों को सही जगह दिलाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया अब ग्वालियर चंबल के इलाके से निकल कर मालवा के इलाके की ओर जा रहे हैं।अगले 4 दिन वे मालवा के सभी जिलों में घूमेंगे!अपने लोगों से मिलेंगे।

यूं तो रविवार से शुरू हो रहा सिंधिया का यह दौरा कोई असामान्य बात नही है।लेकिन इस समय प्रदेश में जो हालात हैं उनके मद्देनजर सबकी नजरें इस यात्रा पर लगी हुई हैं।

सामान्य तौर पर देखा जाए तो भाजपा में शामिल होने के बाद सिंधिया पहली बार अपने ग्वालियर को छोड़ प्रदेश के दूसरे इलाके में जा रहे हैं।जैसा कि बताया गया है कि वे इस इलाके में रह रहे अपने लोगों के घर जाकर उनसे मिलेंगे।उनका सुख दुख जानेंगे।कुछ लोगों की कोरोना काल में मृत्यु हो गयी है,उनके परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना देंगे।सिंधिया के करीबियों के मुताविक इस यात्रा के दौरान वे भाजपा के कार्यकर्ताओं से भी मिलेंगे।खास बात यह है कि यह यात्रा निजी है।इस दौरान कोई जनसभा या आम कार्यक्रम नही रखा गया है।

सिंधिया रविवार को आएंगे और बुधवार तक मालवा इलाके में घूमेंगे।वे राजस्थान के रास्ते नीमच पहुंचेंगे।उसके बाद मंदसौर, धार,रतलाम,देवास ,उज्जैन से इंदौर होते हुए दिल्ली लौट जाएंगे।

भाजपा नेता के तौर पर उनका यह पहला दौरा भविष्य के लिए कई संदेश दे रहा है।दरअसल वे जिन इलाकों में जाएंगे उनमें से ज्यादातर में पुरानी सिंधिया रियासत से जुड़े रहे हैं।खासतौर पर नीमच मन्दसौर में सिंधिया का बड़ा प्रभाव रहा है।राजनीतिक क्षेत्रों में यह माना जा रहा है कि सुख दुख जानने की आड़ में सिंधिया अपनी पुरानी जमीन को फिर से सरसब्ज करना चाहते हैं।दरअसल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाने के बाद हालात बहुत बदले हैं।यह तो सबने देखा है कि जो विधायक उनके साथ कांग्रेस से भाजपा में आये हैं उनका पुनर्वास या तो हो गया है या फिर जल्दी ही हो जाएगा।प्रमुख नेताओं को संगठन में भी जगह मिल गयी है।लेकिन एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो अभी भी असमंजस की स्थिति में है।वह अब न कांग्रेस में है और न ही भाजपा में गया है।सिंधिया ऐसे ही लोगों को जोड़ने के लिए निकले हैं।वे भले ही पार्टी के स्तर पर नही जुड़ें पर सिंधिया उन्हें खुद से जोड़े रखना चाहते हैं।इसकी बड़ी बजह यह है कि अगर आने वाले दिनों में जरूरत पड़े तो भाजपा नेतृत्व को वे यह बता सकें कि वे सिर्फ ग्वालियर चंबल संभाग के ही नेता नही हैं।पूरे प्रदेश में उनके लोग हैं।

सिंधिया के इस चार दिन के दौरे से भाजपा संगठन दूर ही है।उनके दौरे की जानकारी उनके पुराने साथी की ओर से मीडिया को दी गयी है।भाजपा संगठन इस यात्रा से अनभिज्ञ सा है।

उल्लेखनीय है कि तीन दिन पहले शिवराज सिंह ने अपने मंत्रियों को जिलों का प्रभार दिया था।इस बंटवारे में सिंधिया का पूरा ख्याल रखा गया है।जिस मंदसौर में वे रात्रि विश्राम करने वाले हैं उसका प्रभार उन्हीं के विश्वासपात्र मंत्री को दिया गया है।

सूत्रों का यह भी कहना है कि इस चार दिनी यात्रा के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पुरानी जमीन पर नई जड़ें जमाना चाहते हैं।कुछ साल पहले कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने कोशिश की थी।लेकिन अब नए हालात और संदर्भ में नए सिरे से मोहरे जमाना चाहते हैं।उनकी इस यात्रा पर भाजपा की पैनी नजर है।

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