नेत्रहीन बैंक अधिकारी से दुष्कर्म के मामले में अदालत का फैसला, दोषी को सुनाई 20 साल कैद की सजा

Update: 2022-03-11 12:36 GMT

कोरोना लॉकडाउन के दौरान मध्य प्रदेश के भोपाल में दो साल पहले एक नेत्रहीन बैंक अधिकारी के घर में घुसकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को अदालत ने 20 साल के सश्रम कारावास और 3500 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। भोपाल की जिला अदालत ने केस की सुनवाई के दौरान आज फैसला सुनाया है।

बता दें कि भोपाल जिला अदालत की अपर सत्र न्यायाधीश यतेश सिसौदिया ने शुक्रवार को फैसला सुनाया है। इसमें आरोपी साहूलाल कौल को दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया है। साहूलाल कौल मूलत: उड़ीसा का रहने वाला है और घटना के समय वह भोपाल के 12 नंबर बस स्टाप पर रहता था। उसे अदालत ने दुष्कर्म की धारा 376 एल के तहत 20 साल के सश्रम कारावास व दो हजार रुपए का अर्थदंड तो घर में अपराध की नीयत से घुसने की धारा 450 में सात साल के सश्रम कारावास और एक हजार रुपए का अर्थदंड किया है। इसके अलावा नि:शक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम की धारा 92 ख में अदालत ने तीन साल के सश्रम कारावास और 500 रुपए का अर्थदंड किया है.

यह थी घटना

गौरतलब है कि कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान लगाए गए लॉक डाउन में 17 अप्रैल 2020 को भोपाल के शाहपुरा थाना क्षेत्र में एक नेत्रहीन बैंक अधिकारी के घर में साहूलाल कौल चोरी की नीयत से घुसा था। महिला को अकेला और नेत्रहीन देखकर उसके साथ उसने धमकी देकर दुष्कर्म किया। इसके बाद वह बैंक अधिकारी का मोबाइल लेकर भाग गया। घटना की एफआईआर करने के बाद पुलिस ने जांच में मोबाइल जप्त किया और पीड़िता से उसकी आवाज की पहचान कराई। डीएनए की जांच में आरोपी के खिलाफ साक्ष्य जुटाए गए थे। अदालत में मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक आरके खत्री ने की थी। 

Tags:    

Similar News