मास्क न पहनने वाले बयान पर MP के गृहमंत्री ने मांगी माफी, कहा- गलती हो गई
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मास्क न पहनने को लेकर दिए अपने बयान पर माफी मांगी और मास्क पहनने की बात कही।
भोपाल : मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मास्क न पहनने को लेकर दिए अपने बयान पर माफी मांगी और मास्क पहनने की बात कही। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "मास्क पहनने के बारे में मेरे बयान से कानून की अवहेलना महसूस हुई है। यह माननीय प्रधानमंत्री जी की भावना के अनुरूप नहीं था। मैं अपनी गलती मानते हुए खेद प्रकट करता हूँ। मैं स्वयं भी मास्क पहनूंगा। समाज से भी अपील करूंगा कि सभी मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें।"
नरोत्तम मिश्रा ने मांगी माफी
एक अन्य ट्वीट में नरोत्तम मिश्रा ने लिखा, "मास्क के बारे में मेरा बयान पूर्णतः गलत और माननीय प्रधानमंत्री जी की भावनाओं के विपरीत था। अपने शब्दों को लेकर मुझे भी बेहद आंतरिक पीड़ा महसूस हुई है। मैं खेद प्रकट करते हुए सभी से मास्क पहनने और COVID-19 से बचाव के नियमों का पालन करने की अपील करता हूं।" बता दें कि इससे पहले उन्होंने बुधवार को कहा था, "मैं किसी कार्यक्रम में नहीं पहनता (मास्क), इसमें क्या होता है। पहनता नहीं हूं मैं।"
फिलहाल मास्क ही वैक्सीन है!
पिछले दिनों न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। रिपोर्ट में वैज्ञानिकों द्वारा कहा गया था कि अगर सभी लोग पूरी सतर्कता के साथ और सही तरीके से कपड़े से बना मास्क पहनें, तो यह वैक्सीन की तरह ही काम करता है। रिपोर्ट के अनुसार, अगर सभी लोग मास्क का इस्तेमाल करें तो संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकले वाले ड्रॉपलेट्स वातावरण में नहीं फैलेंगे या फिर अगर फैलते भी हैं तो काफी कम मात्रा में फैलेंगे।
'बेनिफिट ऑफ डाउट' भी मास्क को दें
अंग्रेजी में कहा जाता है- 'बेनिफिट ऑफ डाउट'। इसका मतलब है- संदेह की स्थिति में लाभ। यहां इसका जिक्र इसलिए हो रहा है क्योंकि कोरोना के कई मरीज एसिम्प्टोमेटिक होते हैं यानि उनमें कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते। ऐसे में बिना मास्क के जब वह बाहर निकते हैं तो कोरोना के फैसने का खतरा और बढ़ जाता है। ऐसे में इसी संदेह को ध्यान में रखते हुए मास्क और ज्यादा जरूरी हो जाता है। इसलिए बेहतर है कि मास्क जरूर ही पहन कर रखें।
कौन सा मास्क है ज्यादा सुरक्षित?
कोरोना वायरस फैसले के शुरुआती दिनों में N-95 मास्को को ज्यादा सुरक्षित बताया गया था लेकिन बाद में विशेषज्ञों ने माना कि सूती कपड़े से बने मास्क संक्रमण से बचाव के लिए सबसे ज्यादा कारगर साबित होते हैं। अब विशेषज्ञ सूती कपड़े से बने मास्क का ही सुझाव देते हैं।