मध्यप्रदेश : बड़वानी जिले में वैक्सीन न लगवाने पर राशन और बिजली कनेक्शन कटे..

बड़वानी में यह घटना हुई है ऐसे ही कुछ महीने पहले मेघालय की सरकार ने दुकानदारों, टैक्सी और ऑटो चलाने वालों के साथ-साथ रेहड़ी पर सामान बेचने वालों के लिए शर्त रखी थी कि कोरोना की वैक्सीन लिए बग़ैर वो अपना काम दोबारा शुरू नहीं कर सकते.

Update: 2021-09-19 13:23 GMT

मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में एक परिवार ने वैक्सीनेशन करवाने से इनकार किया तो उसके राशन कार्ड जब्त करने से लेकर बिजली कनेक्शन ओर नल कनेक्शन काटने की कार्यवाही प्रशासन ने कर दी।

यह घटना बता रही है कि किस प्रकार से तानाशाही चल रही है लेकिन इस देश का बुध्दिजीवी वर्ग इस मुद्दे पर पूरी तरह से खामोश है

आप बताइए कि देश के कौन से कानून में लिखा है कि वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है ?

जैसे बड़वानी में यह घटना हुई है ऐसे ही कुछ महीने पहले मेघालय की सरकार ने दुकानदारों, टैक्सी और ऑटो चलाने वालों के साथ-साथ रेहड़ी पर सामान बेचने वालों के लिए शर्त रखी थी कि कोरोना की वैक्सीन लिए बग़ैर वो अपना काम दोबारा शुरू नहीं कर सकते. कई ज़िलों में ये आदेश वहां के उपायुक्तों ने जारी किया. लेकिन मेघालय हाई कोर्ट ने इसे निरस्त करते हुए कहा कि वैक्सीन लेने को अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता.अदालत ने इस आदेश को मौलिक अधिकार और निजता के अधिकार का हनन बताते हुए रद्द कर दिया।

अब दूसरे तर्क पर आते है जो बड़े पैमाने पर दिया जाता है कि वेक्सीन नही लगवाने वाले लोग उन लोगो के लिए खतरा है जिन्होंने वेक्सीन लगवा ली है क्योंकि वह कोरोना का प्रसार कर सकते हैं !......तो भाइयों एक बात अच्छे से अच्छे से समझ लीजिए कि वेक्सीन कोरोना के प्रसार को नही रोकती कोई भी वेक्सीन कम्पनी यह दावा नही करती हैं कि वेक्सीन लगा चुके लोग कोरोना संक्रमण नही फैला सकते।

अभी कुछ दिन पहले ही देश की शीर्ष संस्था ICMR द्वारा कराए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 के खिलाफ कोवैक्सीन प्राप्त कर चुके लोगों में एंटीबॉडीज (Antibodies) 2 महीनों के बाद कम होने लगती हैं. वहीं, कोविशील्ड (Covishield) का डोज लेने वालों में एंटीबॉडी का स्तर 3 महीनों बाद कम होने लगता है यानी वेक्सीन कोई रामबाण नही है कि वो ले ली तो आपको कोरोना होगा ही नही पूरी दुनिया मे लाखो ब्रेकथ्रू कोरोना केस सामने आ चुके हैं इसलिए यह समझ लीजिए कि कोरोना के फैलने या न फैलने से वेक्सीन का कोई संबंध नही है।

वैक्सीन को अनिवार्य बनाने को लेकर दुनिया के हर देश मे बड़े बड़े विरोध प्रदर्शन आयोजित किये गए है और वे लोग कोरोना बीमारी का विरोध नही कर रहे वे इस तरह की तानाशाही का ही विरोध कर रहे है, स्पेन की सुप्रीम कोर्ट ने वेक्सीन पास को अनिवार्य बनाने के खिलाफ आदेश दिया है फ्लोरिडा राज्य ने उन संस्थानों पर जुर्माना लगाने की बात की है जो एंट्री पर नागरिकों से वेक्सीन सर्टिफिकेट माँग रहे हैं।

याद रखिए कि यह जनता को गुलाम बनाने का षणयंत्र है यह बीमारी रोकने के बारे में नही है यह टोटल कंट्रोल पाने की कोशिश है !.........भले ही आज आपकी समझ मे यह बात नही आ रही हो लेकिन जब आपके बच्चे बड़े होकर यह सवाल पूछेंगे कि यह सब हो रहा था तो आप सब क्यो चुप थे तो क्या जवाब देंगे ?

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