नई दिल्ली : मोदी की सरकार पर असहिष्णुता का आरोप लगाने वालों पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने बड़ा हमला किया है। अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान वीके सिंह ने कहा कि देश में पैसे लेकर कुछ लोगों ने असहिष्णुता का मुद्दा खड़ा किया। वीके सिंह ने कहा कि बिहार चुनाव से पहले जानबूझकर कुछ लोगों ने राजनीति से प्रेरित होकर असहिष्णुता का मुद्दा उठाया।
लॉस एंजल्स में एक कार्यक्रम के दौरान विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि कुछ लोग एनडीए सरकार को बदनाम करने में जुटे हुए हैं और एक सूत्रीय अभियान चला रहे हैं। उन्होंने सरकार के खिलाफ अभियान चलाने वाले बौद्धिक समुदाय के बारे में कहा कि कुछ खयाली लोग जिन्हें रुपये से भरपूर मदद की जा रही है वो सहिष्णुता और असहिष्णुता के बारे में दुनिया में भारत की गलत तस्वीर पेश कर रहे हैं।
दो दिवसीय सम्मेलन में बोलते हुए वीके सिंह ने कहा, 'भारत में असहिष्णुता पर छिड़ी बहस असल में राजनीति से प्रेरित थी और यह एक सोची-समझी नीति के तहत बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई। ' केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'मैं इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता कि भारतीय मीडिया कैसे काम करती है। मैं आपको उन हास्यास्पद बातों की ओर ले जाना चाहूंगा जो असहिष्णुता को लेकर कही जा रही हैं।
उन्होंने आगे कहा दिल्ली के चुनावों के दौरान चर्चों पर हमले और उनको जलाए जाने की खबरें आती रहीं, लेकिन दिल्ली चुनाव जैसे ही समाप्त हुए इस तरह की घटनाएं बंद हो गयीं। और कुछ ऐसा ही अब देखने को मिल रहा है बिहार चुनाव के बाद असहिष्णुता के खिलाफ अभियान चलाने वाला तथाकथित बौद्धिक समाज खामोश हो गया है।
गौरतलब है कि लॉस एंजिल्स में आयोजित क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में शिरकत करने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जा रहीं थीं लेकिन पेरिस में आतंकी हमले के बाद वो दुबई से भारत वापस लौट गईं थीं।
लॉस एंजल्स में एक कार्यक्रम के दौरान विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि कुछ लोग एनडीए सरकार को बदनाम करने में जुटे हुए हैं और एक सूत्रीय अभियान चला रहे हैं। उन्होंने सरकार के खिलाफ अभियान चलाने वाले बौद्धिक समुदाय के बारे में कहा कि कुछ खयाली लोग जिन्हें रुपये से भरपूर मदद की जा रही है वो सहिष्णुता और असहिष्णुता के बारे में दुनिया में भारत की गलत तस्वीर पेश कर रहे हैं।
दो दिवसीय सम्मेलन में बोलते हुए वीके सिंह ने कहा, 'भारत में असहिष्णुता पर छिड़ी बहस असल में राजनीति से प्रेरित थी और यह एक सोची-समझी नीति के तहत बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई। ' केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'मैं इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता कि भारतीय मीडिया कैसे काम करती है। मैं आपको उन हास्यास्पद बातों की ओर ले जाना चाहूंगा जो असहिष्णुता को लेकर कही जा रही हैं।
उन्होंने आगे कहा दिल्ली के चुनावों के दौरान चर्चों पर हमले और उनको जलाए जाने की खबरें आती रहीं, लेकिन दिल्ली चुनाव जैसे ही समाप्त हुए इस तरह की घटनाएं बंद हो गयीं। और कुछ ऐसा ही अब देखने को मिल रहा है बिहार चुनाव के बाद असहिष्णुता के खिलाफ अभियान चलाने वाला तथाकथित बौद्धिक समाज खामोश हो गया है।
गौरतलब है कि लॉस एंजिल्स में आयोजित क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में शिरकत करने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जा रहीं थीं लेकिन पेरिस में आतंकी हमले के बाद वो दुबई से भारत वापस लौट गईं थीं।