निर्मला सीतारमण दूसरी महिला है जो पेश कर रही हैं देश का 'बही-खाता' - इंदिरा गांधी थीं पहली वित्त मंत्री, ये कड़े फैसले लिए गए थे

बाजपेयी सरकार के कार्यकाल में बजट पेश करने का समय शाम पांच बजे के बजाए दिन के 11 बजे किया गया है।

Update: 2019-07-05 06:09 GMT

नई दिल्ली। 17 वी लोकसभा के गठन होने के साथ एनडीए के प्रचंड बहुमत के साथ ही नरेन्द्र मोदी के दूसरी बार पीएम बने। तो निर्मला सीतारमण को वित्तमंत्री बनाया गया। लेकिन निर्मला सीतारमण वो दूसरी महिला बनी जो आज लोकसभा में आम बजट पेश कि। इससे पहले 1971 के मार्च में आम चुनाव थे और ऐसे में इंदिरा गांधी सरकार के ये आखिरी बजट था। इंदिरा गांधी का मशहूर नारा गरीबी हटाओ इसी बजट के दौरान दिया गया था। इसी नारे के बल पर इंदिरा ने चुनाव जीता था। इंदिरा का वो बजट 15 पन्नों का था ।

28 फरवरी 1970 में इंदिरा गांधी ने बजट पेश किया था। मगर, वह पूर्णकालिक वित्तमंत्री नहीं थीं। उन्होंने मोरारजी देसाई के इस्तीफे के बाद वित्त मंत्रालय संभाला था। और उस बजट में कड़े फैसले लिये गये थे - डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स में बढ़ोतरी की गई. प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाते हुए, इम्पोर्ट ड्यूटी भी बढ़ी थी। इनकम टैक्स में बढ़ोतरी हुई थी. 40 हजार से ज्यादा सालान आय वाले लोगों पर टैक्स लगा था। सामान्य वेल्थ टैक्स बढ़ाया गया था। टेलीविजन पर ड्यूटी बढ़ा दी गई थी। सैलरी वाले लोगों से हर महीने 250 रुपये तय की गई थी। सबसे कड़ा फैसला यह था कि सिगरेट पर ड्यूटी 3 फीसदी से बढ़ाकर 22 फीसदी किया गया था।

अपने इन कड़े फैसलों से इंदिरा गांधी ने देश के राजस्व को बढ़ाया था, लेकिन आज 48 साल बाद फिर एक महिला वित्त मंत्री भारत का बजट पेश कर रही हैं। 17 वीं लोकसभा से पहले लोग ब्रीफकेस में बजट पेश करने के लिए जाते दिखते थे। लेकिन आज यानि शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त मंत्रालय के बाहर बजाय ब्रीफकेस के लाल कपड़े में लिपटे बजट के साथ हाजिर हुईं। वित्त मंत्री अपनी भाषण में इसे "देश का बहीखाता" के नाम से खोली है। सरकार का मानना है कि यह पाश्चात्य संस्कृति से बाहर आकर देश की पुरानी परंपराओं से जुड़ने की शुरुआत है। बैग का लाल रंग भारतीय परंपराओं के हिसाब से शगुन का प्रतीक है।

बता दें कि बजट को पहले फरवरी महीने के आखिरी कारोबारी दिन को पेश किया जाता था। यह 27 या फिर 28 फरवरी होती थी। लेकिन अब इसे फरवरी की पहली तारीख को पेश किया जाता है। इसके अलावा बाजपेयी सरकार के कार्यकाल में बजट पेश करने का समय शाम पांच बजे के बजाए दिन के 11 बजे किया गया था। वहीं रेल बजट आम बजट से एक दिन पहले आता था, लेकिन अब इसे भी केंद्रीय बजट में पूरी तरह से मिला दिया गया है।

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