इडियन मुस्लिम प्रोग्रेसिव एंड रिफार्म यानी इमपार लगातार भारतीय मुस्लिमो में ही नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय मुसलमानों में अपनी पैठ बना रहा है. इमपार ने अलग अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों के अलग अलग समूह बनाए हैं जो अपने क्षेत्रों में मुसलमानों की समस्याओं और चुनौतियों पर चर्चा कर कार्य योजना बनाने की तैयारी में जुट गए हैं. इन समूहों से कितना लाभ होगा और उस पर अमल करने में कितने सहायक होंगे ये समूह इस पर हमारे प्रतिनिधि मसरूर मलिक ने इमपार के अधिशासी निदेशक खालिद अंसारी से बात की है जिसको विस्तार से प्रस्तुत किया जा रहा है.
प्रश्न:खालिद अंसारी साहब आपको इमपार के गठन पर बहुत बहुत मुबारकबाद. हम आपसे जानना चाहते हैं कि इमपार की क्या आवश्यकता थी जब बहुत से संगठन पहले से मौजूद हैं?
उत्तर:आपका बहुत बहुत शुक्रिया. दरअसल ये बात हकीकत है कि देश में मुसलमानों के लिए बहुत से संगठन काम कर रहे हैं. और बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक हर स्तर पर संगठन काम कर रहे हैं. इमपार की आवश्यकता इसलिए थी कि भारतीय मुसलमानों को परिस्थितियों के हिसाब से मार्गदर्शन दें तथा अपने अपने क्षेत्र के माहीरीन को एक छत के नीचे इकट्ठा करके उनके अनुभवों के हिसाब से फायदा उठाकर मुसलमानों और पूरे देश को सशक्त करना था, ये अलग अलग संगठन अपने क्षेत्रों में काम करते हैं इमपार ऐसे संगठनों को एक साथ लेकर थिंक टैंक तैयार करने की कोशिश की गई है. यही आवश्यकता को मद्देनजर रखते हुए इमपार का गठन किया गया.
प्रश्न-इमपार का गठन लॉक डाउन के दौरान किया गया है तो लोगों को कैसे इकट्ठा किया जा रहा है और कैसे सभाएं आयोजित की जा रही है?
उत्तर:देखिए ये दौर डिजिटल क्रांति का दौर है. और ये भी सच है कि लॉक डाउन के दौरान ही इमपार का गठन किया गया है. लेकिन डीजीटल साधनों और माध्यमों के चलते लोगों को जोड़ना और सभाएं करना बहुत आसान हैं. इन डीजीटल साधनों से हम लोगो को जोड़ रहे हैं और मीटिंग भी आयोजित कर रहे हैं लोग उत्साह के साथ हिस्सा ले रहे हैं.
प्रश्न-आपको क्या लगता है कि इमपार को लोगों का समर्थन मिल पाएगा?
देखिए इमपार हर मुस्लिम की आवश्यकता है और लोग इंतज़ार में थे कि मुसलमानों का थिंक टैंक तैयार हो और हर क्षेत्र के अनुभवी लोगों का गठजोड़ हो जो हालात और समय पर नज़र रखते हुए कार्य योजना और नीतियां तैयार करे. हमने वक्त की जरूरत पूरी की है जो हर मुस्लिम की जरूरत थी इसलिए लोग उत्साह और जोश के साथ इमपार के साथ जुड़ रहे हैं, तन मन धन से सहयोग कर रहे हैं और करने का वादा भी कर रहे हैं. हमें पूरी उम्मीद है कि इमपार लोगों की आवश्यकता को पूरा करते हुए उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा.
प्रश्न: इमपार किस तरह कार्य करेगा, इस पर भी रौशनी डालिए?
इमपार की कार्य करने की योजना इस तरह बनाई गई है कि हर क्षेत्र से जुड़े लोगों के विभिन्न कार्य समूह बनाए गए और बनाए जा रहे हैं. हर कार्य समूह अपने क्षेत्र में अपने अनुभव के आधार पर कार्य योजना और नीतियां बनाकर आगे बढ़ेगा. अलग अलग समूह बनाने से कार्य आसान हो जाएगा, एक क्षेत्र के माहीरीन इकट्ठा होंगे तो कार्य अच्छे ढंग से होगा.
प्रश्न: आखिरी सवाल है आपसे कि इमपार में सिर्फ मुसलमान ही होंगे या अन्य समुदाय या धर्मावलंबी भी शामिल किए जाएंगे.
उत्तर: देखिए वैसे तो इमपार मुसलमानों को सशक्त बनाने के लिए किया गया है. लेकिन भारत में मुसलमानों के साथ दूसरे धर्मावलंबी भी मिलकर रहते हैं. इसलिए मुसलमानों के विकास के लिए सभी कोशिशों में सबका साथ लिया जाएगा. इमपार शुरूआती दौर में मुसलमानों में कार्य कर रहा है लेकिन लंबे समय में सभी देशवासियों को बिना किसी जातीय और धार्मिक भेदभाव के साथ लिया जाएगा और देश को सशक्त किया जाएगा. कोरोना महामारी के बाद बदलते परिवेश में पूरे देश को सशक्त करने की आवश्यकता है. इसलिए इमपार की योजना मुसलमानों के साथ अन्य लोगों को भी सशक्त करने की है.