अमित शाह करेंगे देश की 130 करोड़ जनता की सुरक्षा का मॉडल तैयार, दिखाई यह सख्ती!

Update: 2019-06-13 03:27 GMT

अमित शाह के आने के बाद गृह मंत्रालय का कल्चर बदलने लगा है, हमारे देश में 130 करोड़ लोग हैं, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय की होती है। आमतौर पर गृहमंत्रालय स्लो और कूल मोड में रहता था, दरअसल अभी तक देश में जितने भी होम मिनिस्टर हुए हैं। उन्होंने न तो गृहमंत्रालय को इतना गंभीरता से लिया होगा और न ही उसकी ताकत को समझा होगा। लेकिन अमित शाह ने जबसे देश के गृहमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है। तभी से यहां एक संदेश है कि पुराने कल्चर को भूलकर नई संस्कृति को अपना लें, जिसको भी गृहमंत्रालय में रहना है, या तो वो अपने आप को बदल ले या फिर यहां से चले जाएं ।

शाह तैयार करेंगे 'सुरक्षा MODEL'

देश की आतंरिक सुरक्षा से समझौती किसी भी कीमत पर नहीं किया जाएगा, अब ऐसी फिजा गृह मंत्रालय में देखी और महसूस की जा रही है। जो अधिकारी प्रेजेंटेशन तक नहीं बनाना जानते थे। उन्हें हिदायत दी गई है कि अपना-अपना वर्क रोल मुझे बताएं और उसका EXECUTION करें। देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए क्या-क्या प्लानिंग हुई। उसका फॉलो अप क्या है, फाइल्स कहां अटकी हुई हैं। किस वजह से अटकी हुई हैं, इसकी विस्तार से प्रेजेंटेशन दें क्योंकि अमित शाह को गृह विभाग में महारथ हासिल है। वो गुजरात के गृहमंत्री भी रह चुके हैं, तो अब अमित शाह गुजरात की तर्ज पर ही देश का गृह मंत्रालय चलाएंगे। जिस तरह PM मोदी ने देश में विकास का मॉडल तैयार करने की कोशिश की है।

गृहमंत्रालय में छुट्टी बंद

अब अमित शाह के क्राइम क्रंटोल ऑपरेशन से जहां देश की जनता राहत सांस लेगी, वही अफसरों के पसीने छूटे हुए हैं। एक तरफ को पारा वैसे ही हॉफ सेंचुरी मार रहा है, तो वहीं गृह मंत्रालय में अमित शाह की मौजूदगी और तेवर से पारा सेंचुरी पर पहुंच गया है। देश की सुरक्षा कितनी गंभीर है, ये अमित शाह ने अपनी छुट्टी कैंसिल करके साबित कर दिया है। अमित शाह के आने के बाद अब होम मिनिस्टरी में छुट्टी कल्चर बंद हो गया है। जब बात देश की सुरक्षा की होगी तो शाह के सामने SATURDAY-SUNDAY कल्चर कोई मायने नहीं रखेगा ।

SECURITY का VVIP कल्चर खत्म होने की उम्मीद

सूत्रों के मुताबिक देश के पूर्व गृहमंत्री ने ऑबलिगेशन के नाम पर केंद्रीय सुरक्षा कई लोगों को मुहैया करवाई थी। अब जिन लोगों को सुरक्षा की जरुरत नहीं है, वो लोग ये मान लें कि शाह के राज में उन पर कोई खतरा नहीं होगा और उनसे सुरक्षा निश्चित तौर पर छीन ली जाएगी।

IPS लॉबी में शाह का खौफ

आमतौर पर दिल्ली में जो भी IPS अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आता था। उसकी पोस्टिंग आराम तलबी की मानी जाती थी। अब ऐसे अधिकारी राज्यों से दिल्ली आने से बच रहे हैं और जो दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पहले से मौजूद हैं उनकी नींद उड़ी हुई है और वो वापस अपने होम काडर जाने का जुगाड़ लगाने में जुटे हैं।

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