नई दिल्ली। एअर इंडिया को बेचने को लेकर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खेलने की तैयारी कर ली है स्वामी ने कहा कि यह सौदा पूरी तरह से देश विरोधी है और मुझे कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. हम परिवार की बेशकीमती चीज को नहीं बेच सकते।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी पहले भी एअर इंडिया को बेचने की सरकार की योजना से नाराजगी जता चुके हैं. माना जा रहा है कि केंद्र के इस फैसले को लेकर राजनीतिक और कानूनी अड़चन पैदा हो सकती है।
एअर इंडिया के लिए संभावित बिडर्स में टाटा समूह, हिंदुजा, इंडिगो, स्पाइसजेट और कई निजी इक्विटी कंपनियां शामिल हैं. हालांकि माना जा रहा है कि एअर इंडिया की नीलामी में शामिल होने के लिए कई विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों से साझेदारी कर सकती हैं.
घाटे में चल रही एयर इंडिया पर हजारों करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें विमानों की खरीद और कार्यशील पूंजी हेतु लिए गए दीर्घकालिक कर्ज भी शामिल हैं. विनिवेश योजना की जानकारी रखनेवाले एक अधिकारी ने बताया, 'अब एअर इंडिया पर महज 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. जब इसके लिए बोली आमंत्रित की जाएगी, तो उसमें खातों में 18,000 करोड़ का कर्ज ही दिखाया जाएगा.'
बतादें कि कर्ज में दबी एयर इंडिया की 100% हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार ने 17 मार्च तक बोलियां मांगी हैं। योग्य बोलीदाताओं की जानकारी 31 मार्च को दी जाएगी। सरकार ने सोमवार को बिडिंग के दस्तावेज जारी किए। इसके मुताबिक सफल खरीदार को एयर इंडिया का मैनेजमेंट कंट्रोल भी सौंप दिया जाएगा। एयर इंडिया एक्सप्रेस के भी 100% शेयर बेचे जाएंगे।
यह एयर इंडिया की सब्सिडियरी है, जो सस्ती उड़ानों का संचालन करती है। ज्वाइंट वेंचर एआईएसएटीएस में भी पूरी 50% हिस्सेदारी बेचने की योजना है। एआईएसएटीएस, एयर इंडिया और एसएटीएस लिमिटेड के बीच 50-50 फीसदी की साझेदारी वाला संयुक्त उपक्रम है। एयरपोर्ट पर विश्व स्तरीय सुविधाएं देने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की गई थी।