CBI (सरकारी तोते) व सरकार को नही मिली वैसी कामयाबी जैसी दोनों चाहते थे

Update: 2019-02-05 11:06 GMT

नई दिल्ली। CBI (जाँच एजेंसी कम सरकारी तोता ज़्यादा)और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच विवाद पर आज आए सुप्रीमकोर्ट के फैसले को दोनों पक्ष अपनी-अपनी जीत बता रहे हैं।लेकिन फ़ैसले की सूरतें हाल देखने के बाद यही कहा जा सकता है कि जिस तरीक़े से सरकारी तोते व सरकार चाहती थी ऐसा कुछ नही हुआ। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को अपनी जीत बता रही हैं।ममता ने इसके कई कारण भी गिनाए हैं।

1. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि ममता सरकार के ख़िलाफ़ अदालत की अवहेलना का मामला दर्ज किया जाए, जिसे अदालत ने नहीं माना।

2. सीबीआई ने राजीव कुमार के ख़िलाफ़ ढेर सारे आरोप लगाए थे जिसे सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया।

3. सुप्रीम कोर्ट ने किसी तीसरी जगह पर राजीव कुमार से पूछताछ की बात की है जिसके लिए राजीव कुमार और पश्चिम बंगाल सरकार हमेशा तैयार थी।अब शिलॉंग में राजीव कुमार से पूछताछ होगी।

4. सीबीआई की मंशा थी कि राजीव कुमार को गिरफ़्तार करेगी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि सीबीआई उन्हें गिरफ़्तार नहीं कर सकती है।दूसरी तरफ़ केंद्र सरकार ने इसे सीबीआई की जीत क़रार दिया है। केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा,''इस मामले में आपराधिक साज़िश और मनी लॉंड्रिंग की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे।इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।



ये सीबीआई के लिए बड़ी नैतिक जीत है। ''जबकि पाँच साल होने को है सरकारी तोते को यह जाँच मिले हुए वह क्या कर रही थी इसका उसके पास कोई जवाब नही है होगा भी कैसे जो लोग इसमें शामिल बताए जा रहे है उनके मोदी की भाजपा शामिल हो जाने के बाद सीबीआई सरकारी तोते पर यह दबाव आ गया है कि अब उनको पाक साफ किया जाए किसी भी तरह कुछ भी करना पड़े इस लिए सर्वोच्च जाँच एजेंसी को सरकारी तोते का तमग़ा मिला है।

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