बजट 2020 में शिक्षा के क्षेत्र के लिए कौन-सी बड़ी घोषणाएं, जानिए- यहां?
वित्त मंत्री ने कहा कि कामकाजी उम् से सले भारत आने वाले समय मं सबसे बड़ा देश होगा और जल्द नई शिक्षा नीति की घोषणा की जाएगी।
नई दिल्ली : शिक्षा को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस बजट में काफी उम्मीदें की जा रही थीं। आइए जानें शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने क्या-क्या ऐलान किए। वित्त मंत्री ने कहा कि कामकाजी उम् से सले भारत आने वाले समय मं सबसे बड़ा देश होगा और जल्द नई शिक्षा नीति की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि मार्च 2021 तक 150 उच्च शिक्षण संस्थान शुरू हो जाएंगे। इन संस्थानों में स्किल्ड प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि क्व़लिटी एजुकेशन के लिए डिग्री लेवल ऑनलाइन स्कीम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा नैशनल पुलिस यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव रखा गया।
नैशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का भी प्रस्ताव भी रखा गया है। सीतारमण ने कहा कि डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए हर जिला अस्पताल के साथ मेडिकल कॉलेज बनेगा। इस बजट में शिक्षा के लिए 99300 करोड़ रुपये शिक्षा के लिए और 3000 करोड़ स्किल डेवलपमेंट के लिए आवंटित किए गए हैं।
पिछले बजट की बड़ी बातें
आवंटन- वित्त वर्ष 2019-20 में शिक्षा क्षेत्र के लिए 94,853.64 करोड़ रुपये दिए गए थे जो वित्त वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमान से 13 पर्सेंट ज्यादा थे।
-उच्च शिक्षा के लिए अलग से 38,317.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे जबकि स्कूली शिक्षा के लिए 56,536.63 करोड़ रुपये।
-यूजीसी को कुल 4,600.66 करोड़ रुपये आवंटित किए गए जबकि 2018-19 में 4,687.23 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे
-आईआईट के लिए 6,409.95 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है जबकि भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) के लिए 445.53 करोड़ रुपये का बजट आवंटित
-भारतीय विज्ञान, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के लिए 899.22 करोड़ रुपये का आवंटन
-केंद्र ने विश्व स्तरीय शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने के लिए 400 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं और देश में विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए 'स्टडी इन इंडिया' कार्यक्रम की घोषणा की थी।