सऊदी अरब में 4 जून को ईद (Eid 2019) मनाई जा रही है. यूएई के एक दिन बाद यानी 5 जून को भारत में मीठी ईद (Mithi Eid 2019) मनाई जाएगी. मून साइटिंग कमीटी (चंद्रमा-दर्शन करने वाली समिति) ने अबूधाबी के न्यायिक विभाग में शव्वाल का पहला दिन 5 जून को बताया. बता दें, शव्वाल के पहले दिन ही विश्वभर में मीठी ईद (Eid Ul Fitr) मनाई जाती है.सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के बाकी हिस्सों में ईद 5 जून (Eid Date) को मनाई जाएगी.
मीठी ईद इस बार 5 जून को मनाई जा रही है. इस ईद (EID) के मौके पर शायरी (Eid Shayari) के जरिए एक-दूसरे को बधाई ना दी जाए, ऐसा कैसे हो सकता है! इस मीठी ईद (Mithi Eid) के मौके पर मुबारकबाद सिर्फ सादे मैसेज और स्टेटस से देने के बजाय आप यहां दी गई शायरी से करें. बता दें, इस बार मीठी ईद 5 जून को है. इसलिए यहां दी गई शायरी को अभी से रट लें, ताकि ईद की मुबारकबाद इन शायरी (Eid Mubarak Shayari) के साथ बोल सकें.
आई ईद व दिल में नहीं कुछ हवा-ए-ईद
ऐ काश मेरे पास तू आता बजाए ईद
ईद का चांद तुम ने देख लिया
चाँद की ईद हो गई होगी
ईद का दिन है गले आज तो मिल ले ज़ालिम
रस्म-ए-दुनिया भी है मौक़ा भी है दस्तूर भी है
आज यारों को मुबारक हो कि सुब्ह-ए-ईद है
राग है मय है चमन है दिलरुबा है दीद है
ईद आई तुम न आए क्या मज़ा है ईद का
ईद ही तो नाम है इक दूसरे की दीद का
ईद के दिन सब मिलेंगे अपने अपने महबूब से
हम गले मिल मिल के रोएंगे दर -ओ -दीवार से
तुम वो दुआ हो जिसके मांगने के बाद
यह दुआ भी मांगी जाती है के यह किसी और के हक़ में कबूल न हो
ऐ हवा तू ही उसे ईद-मुबारक कहियो
और कहियो कि कोई याद किया करता है
देखा हिलाल-ए-ईद तो आया तेरा ख़याल
वो आसमाँ का चांद है तू मेरा चांद है
है ईद का दिन आज तो लग जाओ गले से
जाते हो कहां जान मिरी आ के मुक़ाबिल
बता दें, रमजान का महीना 30 दिनों तक चलता है. लेकिन इस बार 5 जून को ईद होने पर रमज़ान का महीना सिर्फ 29 दिन का ही रहेगा. वहीं, साल 2018 में ईद 16 जून को मनाई गई थी.
ईद की तारीख आते ही घरों और बाज़ारों में ईद की तैयारियां ज़ोरों पर हैं. ईद मुबारक के संदेश फोन में तैयार किए जा रहे हैं, कोई ईद के लिए खास शायरी याद कर रहा है. तो महिलाएं मेहंदी के लेटेस्ट डिज़ाइन बना रही हैं. इतना ही नहीं मीठी ईद के खास मौके पर घरों में सेवइयां भी बन रही है.
माना जाता है कि पहली बार ईद उल-फितर 624 ईस्वी में मनाई गई थी. इस दिन मीठे पकवान बनाए और खाए जाते हैं. अपने से छोटों को ईदी दी जाती है. दान देकर अल्लाह को याद किया जाता है. इस दान को इस्लाम में फितरा कहते हैं. इसीलिए भी इस ईद को ईद उल-फितर (Eid Ul Fitr) कहा जाता है. इस ईद में सभी आपस में गले मिलकर अल्लाह से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं.