Jhansi Medical College Fire: मेडिकल कॉलेज में आग लगने की वजह आई सामने, CM योगी ने 5-5 लाख के मुआवजे का किया ऐलान

Jhansi Medical College Fire: झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लग गई. आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई. 16 बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं. सीएम योगी ने मुआवजे का ऐलान किया है.

Update: 2024-11-16 07:09 GMT

Jhansi Medical College Fire: अनुसार, झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई सरकारी मेडिकल कॉलेज के स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट में शुक्रवार रात भीषण आगजनी हो गई. आग लगते ही अस्पताल प्रशासन अलर्ट हो गया है और वार्ड की खिड़की तोड़कर उन्होंने 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. हादसे के कारण 16 बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं. मृतकों की संख्या बढ़ने की भी आशंका है. घायल 16 बच्चों को अस्पताल के अलग वॉर्ड में शिफ्ट कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है.

दो घंटे में काबू की गई आग

घटना शुक्रवार रात करीब साढ़े 10 बजे की है. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग के चलते आग लग गई. इस वजह से पूरे वार्ड में आग फैल गई. सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की करीब पांच गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं. आग पर काबू पाने के लिए उन्हें करीब दो घंटे का वक्त लग गया.

इस कारण हुआ गंभीर हादसा

पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि शॉर्ट सर्किट के वजह से यह भीषण हादसा हुआ है. घटना पर एसएसपी ने बताया कि किन लोगों की लापरवाही से आग लगी है, इसकी जांच की जा रही है. हादसे के बाद कुछ माता-पिता अपने बच्चों को घर ले गए हैं. वार्ड में भर्ती बच्चों की स्थिति का सत्यापन किया जा रहा है. हादसे के बाद रात एक बजे तक NICU में बचाव कार्य पूरा कर लिया गया. हादसे से जुड़े सभी तथ्यों की जांच की जा रही है. जांच होने के बाद कोई आधिकारिक बयान दिया जाएगा.

मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख का मुआवाज

सीएम योगी के निर्देश पर मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतक नवजात बच्चों के माता-पिता को 05-05 लाख रुपये और घायल बच्चों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी. हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाईलेवल मीटिंग की. उन्होंने कमिश्रर और डीआईजी को आदेश दिया है कि 12 घंटे के अंदर उन्हें रिपोर्ट दी जाए.

अस्पताल पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक सुबह पांच बजे अस्पताल पहुंच गए. उन्होंने कहा कि हादसे की तीन प्रकार की जांच कराई जाएगी. पहली- स्वास्थ्य विभाग द्वारा, दूसरी- पुलिस द्वारा और तीसरी जांच- मजिस्ट्रेट द्वारा कराई जाएगी. किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलती है तो जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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