चुनाव आयोग की राष्ट्रपति से शिकायत, 66 पूर्व नौकरशाहों ने लिखी चिट्ठी
राष्ट्रपति कोविंद को पत्र लिखने वालों में पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पंजाब के पूर्व डीजीपी जुलियो रिबेरो, प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार और ट्राई के पूर्व चेयरमैन राजीव खुल्लर जैसे पूर्व नौकरशाह शामिल हैं.
राष्ट्रपति कोविंद को पत्र लिखने वालों में पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पंजाब के पूर्व डीजीपी जुलियो रिबेरो, प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार और ट्राई के पूर्व चेयरमैन राजीव खुल्लर जैसे पूर्व नौकरशाह शामिल हैं. नौकरशाहों की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि सत्तारूढ़ दल और केंद्र सरकार अपने रुतबे का दुरुपयोग मनमाने ढंग से करते हुए आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं. उनके ऐसे मनमाने कामकाज से साफ है कि चुनाव आयोग के प्रति भी उनके मन में कोई सम्मान नहीं है.
पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखने से पहले चुनाव आयोग को भी पत्र लिखकर आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने की बात कही थी. इस पत्र में उन्होंने मोदी बायोपिक फिल्म समेत कई अन्य सामग्रियों पर अपनी गहरी चिंताएं जताई थी. अब यही शिकायती पत्र राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी लिखा गया है.
इस बीच चुनाव आयोग ने निर्देश जारी करते हुए 11 अप्रैल से शुरू हो रहे लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से अंतिम चरण तक मीडिया संस्थान और ज्योतिषी चुनाव को लेकर किसी तरह के चुनावी सर्वेक्षण या भविष्यवाणी पर रोक लगा दी है. आयोग की ओर से सोमवार को जारी निर्देश के अनुसार 11 अप्रैल को सुबह सात बजे पहले चरण का मतदान शुरू होने से 19 मई को शाम साढे़ छह बजे सातवें चरण का मतदान होने तक किसी भी तरह की भवष्यवाणी, चुनावी सर्वेक्षण और चुनाव परिणाम संबंधी आकलन नहीं किया जा सकेगा.
इस दौरान ऐसी चुनावी भविष्यवाणी या आकलन संबंधी लेख न तो प्रकाशित हो सकेंगे और ना ही इनसे जुड़े कार्यक्रमों का प्रसारण हो सकेगा. साथ ही आयोग ने सभी 7 चरण का मतदान पूरा होने तक एक्जिट पोल सर्वे के प्रसारण प्रकाशन पर भी रोक लगा दी है. यह निर्देश लोकसभा चुनाव और 4 राज्यों (आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम) के विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के विधानसभा उपचुनाव पर भी लागू होगी.