भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद ने बुलाई एग्रीकल्चर पॉलिसी एजेंडा मीटिंग

मीटिंग का एजेंडा था देश के किसान को किस तरह सुरक्षित किया जाय. उसकी पैदावार कैसे बढ़े और उसको उचित मूल्य कैसे मिले.

Update: 2019-06-13 10:08 GMT

नई दिल्ली : भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद के चेयरमैन डॉ एम जे खान ने इण्डिया इंटरनेशनल सेंटर में एक देश के जाने माने कृषि वैज्ञानिक, कृषि जगत के जाने माने डॉ और देश के बीज और किसानों के उपकरणों के निर्माताओं के साथ एग्रीकल्चर पॉलिसी एजेंडा पर एक मीटिंग की. मीटिंग का एजेंडा किस तरह देश के किसान को खुशहाल बनाया जाय यही था. देश के किसान को किस तरह सुरक्षित किया जाय. उसकी पैदावार कैसे बढ़े और उसको उचित मूल्य कैसे मिले. 

 इससे पहले जब मोदी सरकार वन ने चुनाव के लिए बीजेपी का मेनोफेस्टो तैयार किया तब भी मेनोफेस्टो कमेटी के चेयरमैन तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने चेयरमैन डॉ एम जे खान के नेत्रत्व में किसान नेताओं से मीटिंग की थी. उस मीटिंग की मुख्य बात किसान की पेंशन को लेकर थी जिसे मोदी सरकार ने स्वीकार कर लिया है. 



 इस बार की मीटिंग में मिले सुझाव एक बार फिर सरकार के पास पहुंचाए जायेंगे ताकि देश के किसान के लिए लड़ाई लड़ने वाले डॉ एम् जे खान एक बार फिर से किसानों के मददगार साबित होंगे. इस बार की मीटिंग में सभी ने अपने अपने सुझाव रखे जिनमें मुख्य रूप से बकरी पालन और अकार्बनिक खेती करने पर जोर दिया गया. 

किसान नेता यदुवीर सिंह ने कहा कि किसान का काम केवल फसल पैदा करना है बाकी काम सरकार का है कि इसका कुछ भला न हो जाय ताकि यह खुश रह सके. उन्होंने कहा कि मेरी सरकार से मांग है कि विचौलिया पन मंडियों में न हो. किसान को एक एसी जगह उपलब्ध हो जिस पर जाकर अपनी फसल खुद अपने हाथो बेच सके और अपना मुनाफा कमा सके उसे सब्सिडी सीधे प्रति एकड़ के हिसाब से दी जाय. 



 इस बैठक में सरकार के कई पूर्व प्रसाशनिक अधिकारी भी शामिल थे जिन्होंने अपने सुझाव भी बताये. डॉ एम जे खान ने सभी आये अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुये सभी को धन्यवाद दिया और कहा कि आपके द्वारा सुझाए गये सुझाव हम सरकार तक जरुर पहुंचाएंगे ताकि किसानों के हित में कुछ अच्छी योजना बन सके.

उन्होंने कहा कि मुझे यह कहते हुए फक्र होता है कि देश में उस तबके की बात करता हूँ जिसकी आवाज आज कोई नहीं उठा रहा है. मेने अपने जीवन का प्रत्येक क्षण इन किसानों के लिए समर्पित किया है और जिस दिन में इस देश से किसानों को आत्म हत्या करने से रोक लूँगा उस दिन में समझ लूँगा कि मेरा मकसद अब पूरा हो गया है. 

बता दें कि भारतीय कृषि एवं खाद्ध परिषद बीते कई सालों से किसान की समस्या को लेकर काम कर रही है. समय समय पर देश के कृषि जगत के लोंगों को इकठ्ठा करके उनसे बातचीत कर किसान के लिए कार्य करती है. इसी श्रंखला में  यह मीटिंग भी बुलाई गई है ताकि नव निर्वाचित सरकार तक उनकी बात पहुंचाई जाय. 



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