'चिनूक' से खौफ के साये में पाकिस्तान, जानिए- क्या है इसकी खासियत

भारतीय वायुसेना के बेड़े में अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर शामिल हो गया है

Update: 2019-03-25 07:08 GMT

नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना को ऐसा अत्याधुनिक हथियार मिल गया है, जिससे आने वाले दिनों में पाकिस्तान की सिट्टी पिट्टी गुम होने वाली है। भारतीय वायुसेना के बेड़े में अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर शामिल हो गया है। ये हेलीकॉप्टर किसी भी समय और खराब से खराब मौसम में भी उड़ान भरने में सझम है। यह किसी समय और मौसम में दुश्मनों के दांत खट्टे करने के लिए काफी है। यह सीएच-47 चिनूक एडवांस्ड मल्टी मिशन हेलिकॉप्टर है।

यह करीब 11 हजार किलो तक के हथियार और सैनिकों को आसानी से लिफ्ट करने में सक्षम है। पहाड़ी इलाकों में यह आसानी से उड़ान भर सकता है। इसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरणों और ईंधन ढोने में किया जा सकता है। वहीं, मानवीय और आपदा राहत अभियान में भी इसका इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है। सीएच-47 चिनूक एडवांस्ड मल्टी मिशन हेलिकॉप्टर है। सरहद पर पाकिस्तान की शैतानी हरकतों को देखते हुए वायुसेना ने इसे पाक सीमा पर तैनात करने का फैसला किया है। इससे पाकिस्तानी सीमा पर भारतीय वायुसेना को और अधिक ताकतवर बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा। फिलहाल इसे चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन में एयरफोर्स के बेड़े में शामिल किया गया है।

इसे मल्टी मिशन हेलिकॉप्टर को बोइंग कंपनी ने बनाया है। भारत ने ऐसे 15 हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए डील किया है। फिलहाल इस समय 4 हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल किया जा रहा है। बाकी 11 चिनूक हेलीकॉप्टरों को जल्द ही बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा। चिनूक हेलिकॉप्टर को अमेरिकी वायुसेना 1962 से ही इस्तेमाल कर रही है। कंपनी ने अब तक कुल 1179 चिनूक हेलिकॉप्टर बनाए हैं। खराब मौसम में भी ये हेलिकॉप्टर उड़ान भरने में सक्षम है। इस हेलिकॉप्टर की अधिकतम स्पीड 315 किमी प्रति घंटे है। ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्र में यह हेलिकॉप्टर काफी कारगर हो सकता है। यह हेलिकॉप्टर छोटे से हेलिपैड और घाटी में भी लैंड कर सकता है। यह दुनिया के 19 देशों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।

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