जानिए क्यों अमरनाथ यात्रा पर कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा

Update: 2019-07-26 06:22 GMT

जम्मू-श्रीनगर। अमरनाथ हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। ये यात्रा इस बार एक जुलाई से शुरु हो गई है और अब तक यानि 24 जुलाई तक सिर्फ 24 दिनों में तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं। इस वर्ष अमरनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने पिछले चार साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस बार अधिकारियों ने कहा, "यह संख्या 2015 में 59 दिन चली अमरनाथ यात्रा के दौरान दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं से ज्यादा है."

तो जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर शुक्रवार को खराब मौसम होने के कारण अमरनाथ यात्रा आज के लिए स्थगित कर दी गई। अधिकारियों ने कहा कि लगभग 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खराब मौसम के कारण आज घाटी की तरफ किसी भी यात्री वाहन को जाने की अनुमति नहीं है। मौसम विभाग ने कहा कि जम्मू क्षेत्र में 29 जुलाई तक मध्यम से तेज बारिश की संभावना जताई है।

बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए दो रास्ते से जा सकते पहला रास्ता अमरनाथ गुफा तक बालटाल से कम समय में पहुंच सकते हैं। यह छोटा रूट है। बालटाल से अमरनाथ गुफा की दूरी करीब 14 किलोमीटर है लेकिन यह रास्ता काफी कठिन और सीधी चढ़ाई वाला है इसलिए इस रूट से ज्यादा बुजुर्ग और बीमार नहीं जाते हैं।

दूसरा रुट पहलगाम रूट है जो अमरनाथ यात्रा का सबसे पुराना और ऐतिहासिक रूट है। इस रूट से गुफा तक पहुंचने में करीब 3 दिन लगते हैं। लेकिन यह ज्यादा कठिन नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी का आता है जो पहलगाम बेस कैंप से करीब 16 किलोमीटर दूर है यहां तक रास्ता लगभग सपाट होता है इसके बाद चढ़ाई शुरू होती है। इससे अगला स्टॉप 3 किलोमीटर आगे पिस्सू टॉप है। तीसरा पड़ाव शेषनाग है जो पिस्सू टॉप से करीब 9 किलोमीटर दूर है। शेषनाग के बाद अगला पड़ाव पंचतरणी का आता है जो शेषनाग से 14 किलोमीटर दूर है। पंचतरणी से पवित्र गुफा केवल 6 किलोमीटर दूर रह जाती है।

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