10 को हो सकता है कांग्रेस के नए अध्यक्ष की घोषणा , मिलिंद देवड़ा ने की पायलट व सिंधिया की वकालत
शिवानन्द गिरि
पटना - कोंग्रेस पार्टी में अध्यक्ष को लेकर काफी संशय की हालत हो गई है।राहुल गांधी के पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद से कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन होगा यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है.कुछ लोग जहाँ प्रियंका गान्धी की वकालत कर रहें है तो पार्टी के कई नेता किसी युवा के हाथों में कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपने की वकालत कर रहे हैं. जबकि कुछ का मानना है कि वरिष्ठ नेताओं क्व अनुभव का लाभ लेना एस वक्त बहुत जरुरी है। अब ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि इस महीने की 10 तारीख को होने वाली कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में नए अध्यक्ष के नाम को लेकर सहमति बनने के बाद इसका ऐलान हो सकता है. एक तरफ पार्टी के कई वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की वकालत कर चुके हैं, वहीं दूसरी ओर मिलिंद देवड़ा ने राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट या फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम की पैरवी की है.
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हाल ही में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम की पैरवी की. देवड़ा ने कहा कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस बयान से सहमत हैं कि अध्यक्ष किसी युवा को होना चाहिए, जिसके पास चुनावी, प्रशासनिक और सांगठनिक अनुभव हो और जिसका पूरे देश में प्रभाव हो. उन्होंने कहा कि मेरे विचार से सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया में ये सारी खूबियां हैं और वे पार्टी को मजबूती दे सकेंगे.
इसके साथ ही देवड़ा ने यह भी कहा कि कम से कम सचिन पायलट या ज्योतिरादित्य सिंधिया को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया जाना चाहिए और गांधी परिवार को खुलकर इसका समर्थन करना चाहिए. हालांकि मिलिंद देवड़ा बाद में अपने बयान पर सफाई देते भी दिखे. देवड़ा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'मुझे खुशी होगी अगर वह (प्रियंका) आगे आएं और पार्टी का नेतृत्व करें. हालांकि, जब गांधी परिवार स्पष्ट कर चुका है कि अगला अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं होना चाहिए तो इस बात की संभावना की नहीं है.'
कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने माना, प्रियंका गांधी में है अध्यक्ष के रूप में सबको एकजुट करने की ताकत
इन सबसे बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि प्रियंका पार्टी प्रमुख के रूप में सबको 'एकजुट करने वाली ताकत' होंगी और इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार होगा. हालांकि राहुल गान्धी ये क्लियर कर चुके हैं कि ऊ के परिवार का कोई भी इस पद पर नहीं जायेगा।वैसे कुछ लोग पुराने नेताओं के अनुभव को लाभ लेने की वकालत कर रहें है जिसके कारण यह मामला पेचीदा हो गया है।