पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक पर बोले नवजोत सिंह सिद्धू, कही ये बड़ी बात
'सही और गलत की लड़ाई में, आप तटस्थ होने का जोखिम नहीं उठा सकते, आतंकी संगठनों के खिलाफ जंग जारी है'
नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान की में घुसकर किए गए एयर स्ट्राइक के बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पंजाब के कैबिनेट मंत्री सिद्धू ने ट्वीट कर लिखा कि आतंकियों का विनाश अनिवार्य है। भारतीय वायुसेना की जय हो। जय हिंद, जय हिंद की सेना।
सिद्धू ने लिखा, 'लोहा लोहे को काटता है, आग-आग को काटती है, सांप जब डंक मारता है, उसका एंटीडोट विष ही है, आतंकियों का विनाश अनिवार्य है। भारतीय वायुसेना की जय हो। जय हिंद, जय हिंद की सेना।' सिद्धू ने एक और ट्वीट कर लिखा, 'सही और गलत की लड़ाई में, आप तटस्थ होने का जोखिम नहीं उठा सकते, आतंकी संगठनों के खिलाफ जंग जारी है ...शाबाश भारतीय वायुसेना, जय हिंद।'
लोहा लोहे को काटता है,
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) February 26, 2019
आग आग को काटती है,
सांप जब डंक मारता है, उसका एंटीडोट विष ही है,
आतंकियों का विनाश अनिवार्य है|
भारतीय वायु सेना की जय हो @IAF_MCC
जय हिन्द 🇮🇳 जय हिन्द की सेना 🇮🇳
इससे पहले पुलवामा आतंकी हमले के बाद के बाद सिद्धू ने कहा था कि कुछ लोगों की हरकत के लिए पूरे पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उनके इस बयान को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने निशाना साधा था। यहां तक कि कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से कहा था कि सिद्धू को देश की भावना के अनुरूप बयान देना चाहिए।
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वायुसेना को बधाई देते हुए ट्वीट किया है - "मैं भारतीय वायुसेना के पायलटों को सलाम करता हूँ।" वहीँ नेशनल कॉन्फ़्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, "अगर ये केपीके का बालाकोट है तो ये भारतीय वायुसेना के विमानों की बहुत बड़ी कार्रवाई है,लेकिन यदि ये पूँछ सेक्टर का बालाकोट है, जो कि LOC से लगा है तो ये मोटे तौर पर एक सांकेतिक हमला है क्योंकि साल के इस समय चरमपंथियों के कैंप ख़ाली और निष्क्रिय होते हैं।"
बता दें कि भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने मंगलवार को तड़के नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर पाकिस्तानी हिस्से में कई आतंकी कैंपों पर बमबारी की। सरकार से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए आत्मघाती हमले के ठीक 12 दिन बाद की गई है। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।