निर्भया के दोषी तिहाड़ के अंदर ही रच रहे हैं ये नया साजिश, जानकर हो जायेंगे दंग
नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों को डेथ वारंट जारी करने को लेकर दिल्ली की पटियाला हाउस में सुनवाई 7 जनवरी को होनी है जबकि इससे पहले दिल्ली में हुए निर्भया कांड के चार दोषियों में से एक अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका को जस्टिस भानुमति की अध्यक्षता वाली नई बेंच ने खारिज कर दिया।
हालांकि इस बीच तिहाड़ प्रशासन से कुछ ऐसी खबरें आ रही हैं जिससे निर्भया के दोषियों की मंशा का पता चलता है। खबर है कि निर्भया कांड के गुनहगार जेल में आपराधिक वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। जानिए आखिर आरोपी ऐसा क्यों करना चाहते हैं और फांसी के मुहाने पर आकर इस तरह की हरकत से उन्हें क्या लाभ होगा....
दरअसल ये सारी कोशिश फांसी की तारीख टालने के लिए है। बता दें कि अगर दोषियों पर कोई नया केस चलता है तो जब तक उसका निपटारा नहीं हो जाता तब उन्हें फांसी की सजा नहीं हो सकती। बताया जा रहा है कि तिहाड़ प्रशासन को जेल नंबर-2 में बंद तीन दोषियों अक्षय, मुकेश और पवन की मंशा का पता चल गया है।
बताया जा रहा है कि जेल नंबर दो के अधीक्षक ने जेल मुख्यालय को खत लिखकर इसकी जानकारी दी है। सिर्फ यही नहीं जेल अधीक्षक ने तीनों दोषियों को हाईसिक्योरिटी सेल में भी शिफ्ट करने की अनुमति मांगी है।
बता दें कि जेल अधीक्षक ने जो खत लिखा है उसमें उन्होंने बताया है कि निर्भया के तीनों दोषी या तो आपस में झगड़कर खुद को नुकसान पहुंचा सकते हैं या फिर किसी अन्य कैदी से लड़ सकते हैं। इस पत्र में कहा गया है कि इन्हें अलग-अलग रखकर गुटबाजी खत्म करना जरूरी है।
दोषियों के पास क्या है उपाय
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में चार दोषियों में से तीन ने तिहाड़ जेल प्रशासन के नोटिस का जवाब दे दिया है। चौथे दोषी मुकेश की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। तीन दोषियों विनय, अक्षय और पवन की ओर दिए गए जवाब में दया याचिका से पहले क्यूरेटिव याचिका दायर करने की बात कही गई है। इस जवाब में लिखा है कि उनके पास अभी क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने का विकल्प बचा है। जेल के अतिरिक्त महानिरीक्षक राजकुमार ने बताया कि दोषियों के जवाब से पटियाला हाउस कोर्ट को अवगत कराया जाएगा। उसके बाद कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा।
पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि जेल प्रशासन दोषियों को नोटिस जारी कर पूछे कि वह दया याचिका दायर करना चाहते हैं या नहीं। इस आदेश पर जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब मांगा था। इस नोटिस के जवाब में विनय, अक्षय और पवन की ओर से जेल प्रशासन को जवाब दे दिया गया। दोषियों के वकील एपी सिंह ने बताया कि क्यूरेटिव याचिका दायर करने के बाद जो भी नतीजे आएंगे उसके आधार पर वह आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे। सात जनवरी को इस मामले की कोर्ट में सुनवाई होनी है।
16 दिसंबर 2012 की रात छह लोगों ने चलती बस में निर्भया का गैंगरेप (Gang Rape) की वारदात को अंजाम दिया था. निर्भया (Nirbhaya) के साथ इतनी बर्बरता की गई थी कि कुछ ही दिन बाद उनकी मौत हो गई थी. इस दौरान पूरे देश में जमकर विरोध प्रदर्शन हुए थे.