पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न'

नानाजी देशमुख, भूपेन हज़ारिका और प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने की घोषणा हुई है.

Update: 2019-01-25 15:42 GMT

नई दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी (Pranab Mukherjee) को देश के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. साथ ही गायक-गीतकार-संगीतकार व फिल्मकार भूपेन हजारिका (Bhupen Hazarika) (मरणोपरांत), समाजसेवी दिवंगत नाना जी देशमुख (Nanaji Deshmukh) (मरणोपरांत) को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. बता दें कि प्रणब मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति रह चुके हैं. वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी रहे हैं.प्रणब मुखर्जी ने 25 जुलाई 2012 को भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी.

इस ऐलान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों नामचीन हस्तियों की तारीफ करते हुए उन्हें बधाई दी. मोदी ने कहा कि प्रणब दा हमारे समय के एक उत्कृष्ट राजनेता हैं. उन्होंने दशकों तक देश की निस्वार्थ और अथक सेवा की है. भूपेन हजारिका के गीत और संगीत पीढ़ियों से लोगों द्वारा सराहे जाते हैं. उनसे न्याय, सौहार्द और भाईचारे का संदेश जाता है. ग्रामीण विकास के लिए नानाजी देशमुख के महत्वपूर्ण योगदान ने हमारे गांवों में रहने वाले लोगों को सशक्त बनाने के एक नए प्रतिमान की राह दिखाई. 

प्रणब मुखर्जी को साल 2008 के दौरान सार्वजनिक मामलों में उनके योगदान के लिए भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से नवाजा जा चुका है. साल 2012-2017 के दौरान राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय का दौरा कर काफी चर्चा में रहे थे.

गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 'द ड्रामेटिक डिकेड', 'द टब्र्यूलेंट ईयर्स' और 'द कोलीजन ईयर्स' नाम की किताब भी लिख चुके है. जिसमें मुखर्जी की आत्मकथा श्रंखला की किताब 'द कोलीजन ईयर्स' ने राजनीतिक नजरिया प्रदान करने के साथ-साथ कुछ दुर्लभ रहस्यों से भी रूबरू कराया था.

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