कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ कर्ण सिंह ने राहुल गांधी के इस्तीफे पर दिया बड़ा बयान
राहुल गांधी के 25 मई को इस्तीफा देने के बाद से पार्टी गिर गई है। उनके साहसिक फैसले का सम्मान करने के बजाय एक महीने में उनका इस्तीफा लेने के लिए उनसे विनती करने के लिए बर्बाद कर दिया गया था।
नई दिल्ली । 2019 लोकसभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस पार्टी के अंदर इस्तीफा देने की होडं मच गई। यहां तक की राहुल गांधी भी अपना इस्तीफा देने पर अड़ गये। कॉफी दिनों तक राहुल गांधी को मनाने के लिए मान मनौवल चलता रहा फिर भी वो अपना इस्तीफा देने पर अड़े रहे। और अंतत वो राष्ट्रीय पद से इस्तीफा सार्वजनिक कर अपने ट्वीटर पर एक कार्यकर्ता के रुप मे ये कर सबको हैरान कर दिया। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश तेज हो गई, इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ कर्ण सिंह का बड़ा बयान समाने आया है।
उन्होंने मनमोहन सिंह की चेयरमैनशिप में कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक बुलाकर जल्द फैसला लेने को कहा है उन्होंने कहा कि जल्द एक अध्यक्ष और चार संभागों के लिए उपाध्यक्ष बनाया जाए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ कर्ण सिंह ने कहा कि मैं भ्रम और भटकाव को देखने के लिए सहमत हूं, जिसमें राहुल गांधी के 25 मई को इस्तीफा देने के बाद से पार्टी गिर गई है। उनके साहसिक फैसले का सम्मान करने के बजाय एक महीने में उनका इस्तीफा लेने के लिए उनसे विनती करने के लिए बर्बाद कर दिया गया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने पत्र लिखकर CWC से यह मांग की है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कराई जाए और पार्टी पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण के हिसाब से चार जोन के लिए चार कार्यकारी अध्यक्ष चुनना चाहिए।
Dr Karan Singh: I strongly urge the working committee to meet without delay, perhaps under the chairmanship of former PM Manmohan Singh and take necessary decisions. 2/2 https://t.co/OG0QHY6sMS
— ANI (@ANI) July 8, 2019
बतादें कि 1967 में डॉ॰ कर्ण सिंह प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए गए। इसके तुरन्त बाद वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में जम्मू और कश्मीर के उधमपुर संसदीय क्षेत्र से भारी बहुमत से लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। साथ ही कई वर्षों तक जम्मू और कश्मीर विश्वविद्यालय और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रहे हैं।