आज राज्यसभा में पेश होगा SPG संशोधन बिल लोकसभा में हो चुका है पास, रणनीति बनाने में लगी भाजपा

नए कानून के तहत एसपीजी सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री तक ही सीमित रहेगी

Update: 2019-12-03 04:56 GMT

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को एसपीजी संशोधन बिल आज राज्यसभा में पेश होगा। यह बिल लोकसभा में पारित हो चुका है लेकिन राज्यसभा में इस पर विपक्ष का विरोध देखने को मिल सकता है। लोकसभा में भी चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी थी।

इस बिल को संसद के उच्च सदन में पारित करवाने के लिए भाजपा संसदीय दल की बैठक संसद के पुस्तकालय भवन में जारी है। माना जा रहा है कि राज्यसभा में संख्या बल में कम मोदी सरकार कई अन्य सांसदों के समर्थन के लिए रणनीति बना रही है। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए भाजपा शीर्ष नेतृत्व सहित कई सांसद पुस्तकालय भवन पहुंचे हैं।

बता दें कि एसपीजी संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी ने सरकार पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने इस बिल को राजनीति से प्रेरित बताया था। वहीं अमित शाह ने इस बिल को पेश करते हुए कहा था कि नए कानून के तहत एसपीजी सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री तक ही सीमित रहेगी, ये सुरक्षा प्रधानमंत्री के अलावा पद से हटने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के पास पांच साल तक रहेगी। 

इस बिल में बदलाव के बाद ही सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से एसपीजी सुरक्षा हटा ली गई थी, जबकि अब उनकी सुरक्षा सीआरपीएफ के हाथ में चली गई थी। वहीं कई दलों के सासंदों ने अलग-अलग विषयों पर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है। भाजपा सांसद सुरेन्द्र सिंह नागर ने राज्यसभा में देश में नकली कॉल सेंटर को खत्म करने के लिए शून्यकाल नोटिस दिया। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन ने राज्यसभा में देश में नकली नोटों को लेकर शून्यकाल नोटिस दिया।

बीजू जनता दल के सांसद प्रसन्ना आचार्य ने राज्यसभा में ओडिशा में अंतरराष्ट्रीय आपदा लचीलापन और जोखिम प्रबंधन संस्थान की स्थापना को लेकर शून्यकाल नोटिस दिया है।


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