सोनिया गांधी ने पूछा कांग्रेसी सांसद से हिंदी में शपथ क्यों ली? तो दिया सांसद ने ये जबाब!

Update: 2019-06-19 02:45 GMT

केरल से कांग्रेस के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने सोमवार को हिंदी में शपथ लेकर सभी को चौंका दिया था और उनके इस कदम की कई सांसदों ने मेज थपथपाकर तारीफ की थी. लेकिन तब वे मुसीबत में घिर गए जब उनके इस कदम पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें तलब कर लिया और जमकर झाड़ लगाई. ख़बर है कि सुरेश के इस कदम के बाद केरल से चुने गए सभी कांग्रेस सांसदों को सोनिया गांधी ने मलयालम में शपथ लेने की हिदायत भी दी.

सुरेश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद शपथ लेने वाले दूसरे सदस्य थे. उन्होंने शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री को दूसरे कार्यकाल के लिए बधाई भी दी थी. उन्हें संसद के प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र सिंह ने शपथ दिलाई थी.

प्रधानमंत्री मोदी ने भी थपथपाई थी मेज

सुरेश 17वीं लोकसभा में मावेलीकारा सीट से सांसद चुने गए हैं. जब उन्होंने हिंदी में शपथ ली तो बाकी सांसद पहले तो चौंके लेकिन बाद में उन्होंने सदन की मेज थपथपाकर इस कदम का स्वागत किया. मेज थपथपाने वाले सांसदों में खुद प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल थे. इसके बाद केरल की वायनाड सीट से चुने गए राहुल गांधी ने अंग्रेजी में शपथ ली.

सोनिया गांधी ने किया तलब

डेक्कन क्रॉनिकल के अनुसार कोडिकुन्निल जब शपथ लेने के बाद वापस पहुंचे तो सोनिया गांधी ने उनसे इसका कारण पूछा था. इसके जवाब में कोडिकुन्निल ने मीडिया को बाहर निकलकर बताया, "सोनिया गांधी ने पूछा था कि मैंने हिंदी में शपथ क्यों ली? मैंने पिछली बार अंग्रेजी में शपथ ली थी, तो इस बार मैंने सोचा कि कुछ बदलाव करते हुए हिंदी में शपथ लेते हैं."

मातृभूमि वेबसाइट ने तो यह दावा भी किया है कि सोनिया के इस कदम के बाद केरल के आने वाले दो कांग्रेसी सांसदों राजमोहन उन्नीथन और वीके श्रीकांतन, जिन्होंने हिंदी में शपथ लेने का निश्चय कर लिया था, उन्होंने भी अपना विचार बदल लिया.

छठवीं बार सांसद बने हैं के सुरेश

कोडिकुन्निल सुरेश छठवीं बार सांसद बने हैं. वे एक गरीब परिवार में जन्मे थे और 1989 में पहली बार सांसद बने. 17वीं लोकसभा में वे केरल की मावेलीकारा सीट से चुने गए हैं. इससे पहले वे श्रम मंत्रालय में राज्यमंत्री का प्रभार संभाल चुके हैं. सितंबर 2018 में उन्हें केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. वे ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के सचिव भी हैं.

पहले भी विवादों में रह चुके हैं के सुरेश

सुरेश एक बार विवादों में भी घिर चुके हैं. 2009 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद फर्जी जाति प्रमाणपत्र के चलते केरल हाईकोर्ट ने उनका निर्वाचन अवैध घोषित कर दिया था. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में राहत दे दी थी. 

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