उत्तर प्रदेश के संभल का रहने वाला अलकायदा कमांडर आसिम उमर अमेरिकी हमले में ढेर,दारुल उलूम से की थी पढ़ाई
आसिम उमर उत्तर प्रदेश के संभल जिले का रहने वाला था, जहां वह सनाउल हक उर्फ सन्नू के नाम से जाना जाता था। वह संभल के दीपा सराय इलाके में रहता था, लेकिन 1990 के दशक के आखिरी दौर में वह पाकिस्तान चला गया था।
उमर उत्तर प्रदेश के संभल जिले का रहने वाला था, जहां वह सनाउल हक उर्फ सन्नू के नाम से जाना जाता था.
वह संभल के दीपा सराय इलाके में रहता था, लेकिन 1990 के दशक के आखिरी दौर में वह पाकिस्तान चला गया था.
जवाहिरी ने उमर को भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकवाद फैलाने के लिए कमांडर के तौर पर चुना था.
अमेरिकी हवाई हमले में ढेर हुआ अलकायदा का भारतीय उपमहाद्वीप का कमांडर मौलाना आसिम उमर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। आसिम उमर सितंबर में अफगानिस्तान में हुई अमेरिकी एयर स्ट्राइक में मारा गया था। उमर उत्तर प्रदेश के संभल जिले का रहने वाला था, जहां वह सनाउल हक उर्फ सन्नू के नाम से जाना जाता था। वह संभल के दीपा सराय इलाके में रहता था, लेकिन 1990 के दशक के आखिरी दौर में वह पाकिस्तान चला गया था।
जुलाई, 2018 में अमेरिकी ने आसिम उमर को अपनी ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में डाल दिया था। इसके साथ ही अमेरिका ने अलकायदा की भारतीय उपमहाद्वीप इकाई को भी विदेशी आतंकी संगठनों की सूची में डाला था। अफगानिस्तार के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय ने आतंकी आसिम उमर के मारे जाने की पुष्टि की है। इसके साथ ही 23 सितंबर को हुए हमले में अफगानिस्तान के हेलमांड प्रांत के मूसा काला जिले में 6 अन्य अलकायदा आतंकियों के भी ढेर होने की पुष्टि की गई है।
दारुल उलूम देवबंद से किया था ग्रैजुएशन
उमर ने दारुल उलूम देवबंद से 1991 में ग्रैजुएशन किया था। इसके बाद पाकिस्तान जाने पर वह नौशेरा स्थित दारुल उलूम हक्कानिया से जुड़ा था, इस मदरसे को जिहाद यूनिवर्सिटी कहा जाता है। अपनी दीनी और असकारी ट्रेनिंग के बाद उमर आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन का हिस्सा बन गया था। इसके बाद वह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़ गया।
जवाहिरी ने आसिम को बनाया था अलकायदा कमांडर
सितंबर, 2014 में एक विडियो संदेश के जरिए अलकायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी ने भारत, म्यांमार और बांग्लादेश में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने का ऐलान करते हुए भारतीय उपमहाद्वीप के लिए भी यूनिट के गठन की बात कही थी। इसके बाद जवाहिरी ने उमर को भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकवाद फैलाने के लिए कमांडर के तौर पर चुना था। उसी साल अफगानिस्तान के मिरान शाह शहर में जवाहिरी ने आसिम उमर को कमांडर बनाया था।