खिलाड़ियों के साथ यौन उत्पीड़न के पहले के मामलों की क्या स्थिति है?
What is the status of earlier cases of sexual harassment of sportspersons
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन कर चुकी महिला पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ शिकायत को कई विश्लेषक भारतीय कुश्ती में 'मी टू' पलों के तौर पर देख रहे हैं.
हालांकि सच्चाई ये है कि कुश्ती ही नहीं बल्कि दूसरे खेलों में भी यौन शोषण के आरोप पहले भी सामने आ चुकी हैं. इसमें कुछ मामलों पर चर्चा हुई, कभी कार्रवाई भी हुई और कभी जांच के बाद क्या हुआ, यह सामने नहीं आ पाया. लेकिन कहा जा सकता है कि कुछ ही मामले सामने आ रहे हैं और बहुत सारे मामले सामने नहीं आ पाते.
यौन उत्पीड़न के प्रति बढ़ती जागरूकता और 'मी टू मूवमेंट' के कारण अब ऐसी घटनाओं के बाद दर्ज की जाने वाली शिकायतें बढ़ी हैं. लेकिन बढ़ती संख्या के बावजूद इस समस्या की गंभीरता का ठीक ठीक अंदाज़ा लगा पाना बेहद मुश्किल है.
दरअसल, भारत में अभी भी यौन उत्पीड़न के बारे में खुलकर बात नहीं होती है और भारतीय खेल की दुनिया भी इससे अछूती नहीं है. पिछले दो सालों के मामलों पर नज़र डालें तो अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि यह मसला कुश्ती और किन्हीं दो राज्यों तक ही सीमित नहीं है.
राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने 28 जुलाई 2022 को राज्यसभा में सवाल पूछा था कि जनवरी 2017 से जुलाई 2022 के बीच भारत में खेल प्रतिष्ठानों में यौन उत्पीड़न के कितने मामले सामने आए? केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसके जवाब में बताया कि इस समय के दौरान भारतीय खेल प्राधिकरण को कोचों और स्टाफ़ के ख़िलाफ़ यौन शोषण की 30 शिकायतें मिली थीं, जिनमें दो शिकायतें गुमनाम थीं. मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या कार्रवाई हुई, लेकिन उसने दावा किया कि सभी 30 मामलों में उचित क़दम उठाए गए.
2022-2023 में यौन उत्पीड़न की घटनाएं
महिला पहलवानों के आंदोलन के समय भी देश के दूसरे हिस्सों से खेल जगत के अंदर यौन शोषण के आरोपों का आना जारी है. 18 मई, 2023 को असम के सोललगांव में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के ट्रेनिंग सेंटर में एक तैराकी कोच के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की गई. कोच मृणाल बसुमतारी पर एक महिला भारोत्तोलन कोच और कई महिला एथलीटों के यौन शोषण करने का आरोप है . इनमें ज्यादातर नाबालिग हैं.
साई ने कोच को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और असम पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई गई, इस मामले की अभी जांच चल रही है. इसी साल अप्रैल में , मुंबई में एक 56 वर्षीय बैडमिंटन कोच पर दस वर्षीय लड़की का यौन शोषण करने का आरोप लगा. शिकायत के मुताबिक़ 'कोच ने लड़की को ड्रेसिंग रूम में बुलाया, उसे गोद में बिठाया और उसके गाल और माथे को चूमा.'
पुलिस ने इस कोच को गिरफ़्तार कर लिया. बाद में मुंबई की विशेष अदालत ने कोच को जमानत तो दे दी, लेकिन कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली सफलता आपका बचाव नहीं हो सकती. मार्च 2023 में, उत्तराखंड के क्रिकेट कोच नरेंद्र शाह पर देहरादून में नाबालिग महिला खिलाड़ियों ने यौन शोषण और छेड़छाड़ का आरोप लगा. यह मामला तब सामने आया जब एक लड़की के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई .
इसके बाद 65 वर्षीय नरेंद्र शाह ने आत्महत्या करने की कोशिश की जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. जनवरी 2023 में, भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान, भाजपा नेता और हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. संदीप पर महिला खिलाड़ी और जूनियर कोच के यौन शोषण करने और धमकाने का आरोप लगा था. इसके बाद संदीप ने खेल मंत्रालय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सौंप दिया. मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्री के रूप में संदीप के पद को बरकरार रखा है. जून 2022 में, साई ने जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद भारतीय साइकिलिंग टीम के मुख्य कोच आरके शर्मा के साथ अनुबंध रद्द कर दिया था. एक भारतीय महिला साइकिलिस्ट ने शर्मा पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
महिला साइकलिस्ट के मुताबिक़ यह घटना मई, 2022 में तब हुई थी जब भारतीय साइकिल चालकों की एक टीम एक प्रशिक्षण शिविर के लिए स्लोवेनिया गई थी. महिला साइकलिस्ट ने दावा किया कि शर्मा ने पहले यह कहकर उन्हें अपने कमरे में रहने के लिए मजबूर किया कि उसने दो लोगों के लिए एक होटल का कमरा बुक किया था. महिला साइकलिस्ट ने यह भी दावा किया था कि, 'शारीरिक संबंध नहीं बनाने की सूरत में करियर तबाह करने और नेशनल सेंटर फॉर एक्सीलेंस से निकालने की धमकी भी दी गई थी.'
भारतीय खेल प्राधिकरण ने इसके बाद साइकिलिंग टीम को वापस बुला लिया. जांच के दौरान कई अन्य साइकिल सवारों ने भी इन कोचों के ख़िलाफ़ शिकायत की. जून 2022 में भारतीय फुटबॉल पर भी यौन शोषण के आरोप लगे थे. भारत की महिला अंडर-17 टीम के सहायक कोच एलेक्स एम्ब्रोस पर एक नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने का मामला दर्ज किया गया था.
एलेक्स को निलंबित कर दिया गया और नॉर्वे में एक प्रशिक्षण शिविर से घर भेज दिया गया. एलेक्स ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को क़ानूनी नोटिस भेजा है. इस मामले में पोस्को एक्ट के तहत फरवरी 2023 में एक शिकायत दर्ज की गई थी और कथित तौर पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
जुलाई 2021 में, चेन्नई में प्रसिद्ध एथलेटिक्स कोच पी नागराजन पर सात महिलाओं ने यौन शोषण और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था. आरोप लगाए जाने से दो महीने पहले, एक 19 वर्षीय एथलीट ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कोच ने फिजियोथेरेपी और स्ट्रेचिंग के दौरान महिला एथलीटों को अनुचित तरीके से छुआ.
इसके बाद नागराजन को गिरफ़्तार कर लिया गया है और उसके ख़िलाफ़ आईपीसी और पॉक्सो की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. जनवरी 2020 में, दिल्ली में एक क्रिकेट कोच को दिल्ली पुलिस ने एक नाबालिग़ महिला खिलाड़ी से छेड़छाड़ के आरोप में हिरासत में लिया था. लड़की ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द ज़ाहिर किया था और जब पूर्व क्रिकेटर और दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने इस ओर इशारा किया तो पुलिस ने कार्रवाई की.