आरएसएस ने रामलाल को क्यों बनाया संघ का संपर्क प्रमुख?

Update: 2021-03-21 08:09 GMT

नवनीत मिश्र 

जब जुलाई, 2019 में संघ ने विजयवाड़ा की बैठक के बाद रामलाल को भाजपा के ताकतवर संगठन महामंत्री पद से वापस बुलाया था, तब सियासी गलियारे में इसे साइड पोस्टिंग, दिन खत्म हो गए...न जाने क्या-क्या कहा गया था। रामलाल को लेकर बहुत निगेटिव खबरें हुईं थीं। तब मैने आजतक डिजिटल के लिए एक खबर(लिंक नीचे) की थी, उसमें रामलाल को संघ में वापस लेने के पीछे एक बड़े प्लान को बताया था। कल जब संघ ने अपने अतिमहत्वपूर्ण संपर्क विभाग की कमान रामलाल को सौंपी, तो मेरी जुलाई, 2019 की खबर स्थापित हो गई।

रामलाल का संपर्क प्रमुख बनाने के पीछे बड़ा प्लान

वर्तमान में संघ में संपर्क विभाग अतिमहत्वपूर्ण हो चला है। यही वह विभाग है, जिसके जरिए संघ देश के प्रभावशाली लोगों में पैठ बनाकर उन्हें अपने से जोड़ने की कोशिश करता है। अगर अतीत में प्रणव मुखर्जी, नोबल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी, एचसीएल के संस्थापक शिव नाडर जैसे लोग संघ का मंच साझा कर चुके हैं तो यह संपर्क विभाग की मेहनत का ही नतीजा है। रामलाल के संपर्कों के माध्यम से आरएसएस आने वाले समय में देश भर के विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों को अपने करीब लाने की कोशिश में है।

भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पद से वर्ष 2005 में संजय जोशी के हटने के बाद रामलाल को ही इसकी जिम्मेदारी मिली थी। तब से वह लगातार 13 वर्षों तक बेदाग इस पद पर रहे। भाजपा में संगठन महामंत्री का पद आरएसएस से आए किसी प्रचारक को ही मिलता है। संगठन महामंत्री का काम भाजपा और संघ के बीच कोआर्डिनेशन का होता है। भाजपा में संगठन महामंत्री ही संघ का प्रतिनिधित्व करता है।

सूत्रों का कहना है कि लगातार कई वर्षों से इस पद की जिम्मेदारी उठाने के बाद रामलाल ने वर्ष 2017 में ही दायित्व मुक्त होने की इच्छा जताई थी। आखिरकार, जुलाई, 2019 में संघ ने भाजपा से उन्हें वापस बुलाया तो सियासी गलियारे में उनके साइडलाइन होने और डिमोशन की चर्चा उठने लगी थी। तब संघ सूत्रों ने ऐसी बातों को खारिज करते हुए बताया था कि उनकी एक खास मकसद से घरवापसी हुई है और उन्हें बड़े प्लान के तहत बुलाया गया है। आज संघ ने उन्हें अखिल भारतीय संपर्क विभाग का प्रमुख बनाकर बातों को सच साबित कर दिया।

संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने आईएएनएस को बताया, " संघ का स्वरूप लगातार बड़ा हो रहा है। बाहर के कई प्रमुख व्यक्तित्व संघ से जुड़ना और संघ को समझना चाहते हैं। संघ का संपर्क विभाग ऐसे ही प्रमुख व्यक्तियों को संघ के करीब लाता है। रामलाल जी करीब 13 वर्ष तक भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहे हैं। उनके संपर्क का दायरा कश्मीर से कन्याकुमारी तक विभिन्न स्तर पर राजनीतिज्ञों, दूसरे दलों के नेताओं, नौकरशाहों से लेकर न्यायपालिका जगत से जुड़े लोगों और सेलिब्रेटी से भी है। संघ चाहता है कि विभिन्न विचारधाराओं के गणमान्य लोग भी संघ को निकटता से जानें और समझें। संभव है कि इसी योजना के तहत संघ ने अपने सबसे अनुभवी प्रचारकों में से एक रामलाल को अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख बनाया है।"

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