स्वामी रामदेव का तंज, बोले- '70 सालों में एक भी सन्यासी को भारत रत्न नहीं मिला, ये देश का दुर्भाग्य है'
रामदेव ने ये सवाल उठाते हुए मांग की है कि अगला भारत रत्न पुरुस्कार किसी संन्यासी को मिले?
नई दिल्ली : भारत रत्न अवॉर्ड पर चल रहे विवाद में अब योग गुरु बाबा रामदेव भी कूद गए हैं. उन्होंने कहा है कि आजादी के 70 साल बाद भी किसी संन्यासी को यह सर्वोच्च सम्मान क्यों नहीं दिया गया है? ये सवाल उठाते हुए उन्होंने मांग की है कि अगला भारत रत्न पुरुस्कार किसी संन्यासी को मिले.
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा,' दुर्भाग्य है कि 70 सालों में एक भी संन्यासी को भारत रत्न नहीं मिला. चाहे वह महर्षि दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद हों या शिवकुमार स्वामी जी. मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि अगली बार कम से कम किसी संन्यासी को भी भारत रत्न दिया जाए.
Yog Guru Ramdev: Durbhagya hai 70 saalo mein ek bhi sanyasi ko Bharat Ratna nahi mila. Maharishi Dayananda Saraswati, Swami Vivekananda ji, ya Shivakumara Swami ji. Mai Bharat sarkar se aagrah karta hu ki agli baar kam se kam kisi sanyasi ko bhi Bharat Ratna diya jaye. (26-1-19) pic.twitter.com/KMh5p4aJe9
— ANI (@ANI) January 27, 2019
इससे पहले कर्नाटक में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही जनता दल सेकुलर (जेडीएस) ने भी भारत रत्न के लिए शिवकुमार स्वामी के न चुने जाने पर विरोध दर्ज कराया है. यहां तक कि जेडीएस ने प्रणब मुखर्जी के नाम पर भी ऐतराज जताया. जेडीएस के महासचिव दानिश अली ने कहा था कि यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि बीजू पटनायक और कांशीराम जी से पहले प्रणब मुखर्जी को सर्वोच्च सम्मान के लिए चुना गया. उन्होंने कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को इसलिए भारत रत्न के लिए चुना गया, क्योंकि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय गए थे.