यूपी: मथुरा में गुरुवार को सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने पहुंची पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला बोल दिया। इसमें एक एसपी और एक एसओ की मौत हो गई। वहीं, 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस की जवाबी फायरिंग में 19 कब्जाधारियों की भी मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक पुलिस जवाहर बाग की करीब 250 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा हटाने पहुंची थी। ये जमीन बागवानी विभाग की है। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने दो दिन पहले बाग पर कब्जा किए लोगों को नोटिस देते हुए इसे 24 घंटे के अंदर खाली करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद भी अवैध कब्जा करने वालों ने बाग को खाली नहीं किया।
गुरुवार को पुलिस जवाहर बाग पहुंची। बाग में करीब 3 हजार लोग मौजूद थे। पुलिस को देखते ही लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी। इससे अफरा-तफरी मच गई। भीड़ ने आगजनी भी की। इस फायरिंग में एडिशनल एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी, सिटी मजिस्ट्रेट रामअरज यादव, एसओ प्रदीप कुमार और एसओ संतोष कुमार यादव को गोली लग गई। हॉस्पिटल ले जाते समय संतोष कुमार यादव की मौत हो गई। वहीं मुकुल द्विवेदी की आगरा के नयति हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि एक पुलिस स्टेशन इंचार्ज (SO) संतोष यादव और एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की इस घटना में मौत हो गई है। इसके अलावा 12 पुलिसवाले जख्मी हैं, जिनका इलाज चल रहा है। 19 शव मिले हैं। वहीं, करीब 200 लोग घायल हुए हैं।
चौधरी ने कहा कि घटना पर तुरंत एक्शन लेते हुए सभी अफसरों को मौके पर रवाना कर दिया गया है।घटना की जांच कराई जाएगी। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए दोषियों की पहचान की जाएगी।
सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि जांच में जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने मारे गए पुलिसकर्मियों के परिजनों को 20 लाख रुपए का मुआवजा देने का भी एलान किया है।