किस प्रमुख सचिव ने किया था फोन, जिस पर हुआ रामवृक्ष को एलाट जवाहर बाग

Update: 2016-06-05 05:35 GMT

मथुरा 

उत्तर प्रदेश के मथुरा में बीते 2 जून को हुए बवाल में नया खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि 14 मार्च, 2014 को गाजीपुर निवासी रामवृक्ष भारी भीड़ लेकर मथुरा आया था. उसने जवाहर बाग में दो दिन का पड़ाव डालने की अनुमति प्रशासन से मांगी थी. तत्कालीन डीएम और एसएसपी ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इस पर रामवृक्ष ने सीधे शासन में फोन किया और तत्काल जवाहर बाग उसके नाम से एलाट हो गया. कहा जा रहा है कि शासन से एक प्रमुख सचिव का फोन आने पर ऐसा हुआ. इस प्रकरण की जाँच कराकर आगे की कार्यवाही हो.


वहीं जवाहर बाग को पुलिस ने पूरी तरह से अपने कब्जे में ले रखा है. पुलिस का पहरा इतना सख्त है, वहां प्रवेश तो दूर किसी को उसकी चहारदीवारी के ऊपर से झांकने तक नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अब जवाहर बाग में ऐसा क्या छिपा है, जिसकी इतनी चौकसी की जा रही है. इसके चलते मृतकों की संख्या को लेकर भी अफवाह उड़ रही है.

दो जून को अवैध कब्जाधारियों से बाग को मुक्त कराने की कार्रवाई में एसपी सिटी और थानाध्यक्ष फरह समेत 28 लोगों की मौत हुई थी. बाग को तो पूरी तरह से खाली करा लिया गया, लेकिन अब इस पर पुलिस का सख्त पहरा है. लोग जवाहर बाग के भीतर का हाल देखना चाहते हैं, जानना चाहते हैं कि आखिर उस दिन जवाहर बाग में क्या हुआ था, लेकिन वहां पर किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है. मुख्य गेट पर भारी फोर्स तैनात है, हर तरफ से पुलिस इसकी घेराबंदी किए है। यह भी सवाल खड़े हो रहे है कि कुछ छिपाया तो नहीं जा रहा है. कभी शव मिलने तो कभी नर कंकाल मिलने की अफवाह उड़ती है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि जब कब्जाधारियों पर फायरिंग का आदेश हुआ था, तब अंधाधुंध गोली चलाई गई थी. इसमें तमाम लोगो की मौत हुई है। पुलिस के पहरे से अफवाहों को भी बल मिल रहा है.

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