महाड़ भाषा
सावित्री नदी में आज तीन और शव दिखाई दिए। रायगढ़ जिले के महाड़ के नजदीक अंग्रेजों के जमाने का एक पुल टूट जाने के बाद दो बसों समेत कुछ निजी वाहन सावित्री नदी में बह गए थे। भारी बरसात के बीच खोज अभियान जारी हैं।महाराष्ट्र के महाड़ के पास मंगलवार की रात अंग्रेजों के जमाने का एक पुल ढहने से दो बसों और कुछ निजी वाहनों के नदी में बहने के बाद शुरू किए गए तलाशी अभियान के दौरान अभी तक सावित्री नदी से 14 शव निकाले जा चुके हैं। अब तक कुल 17 शव मिल चुके है।
NDRF team carrying out rescue ops at Mahad bridge collapse site in Raigad (Maharashtra). Death toll reaches 14. pic.twitter.com/nKJ7z66ZlC
— ANI (@ANI_news) August 5, 2016
हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि अब तक आठ शव निकाले गए हैं और 42 लोग लापता हैं।
Raigad (Maharashtra): NDRF team carrying out rescue operations at Mahad bridge collapse site. Death toll: 14 pic.twitter.com/mXwfhWDBWY
— ANI (@ANI_news) August 5, 2016
रायगढ़ जिला रेंसिडियल डिप्टी कलेक्टर सतीश बगल ने आज रात पीटीआई-भाषा से कहा, ''14 शव आज मिले। इसमें तीन महिलाओं और 11 पुरषों के शव शामिल हैं। अधिकतर शव पुल ढहने के 15 किलोमीटर के दायरे में मिले। कुछ शव 45 किलोमीटर दूर मिले। लेकिन सुबह के समय तीन शव और मिले है।
उन्होंने कहा, ''हमने नदी किनारे के सभी गांवों को नदी में शव दिखने पर प्रशासन को अलर्ट करने को कहा है। '' रायगढ जिला अतिरिक्त एसपी संजय पाटिल ने भी अब तक 17 शवों के मिलने की पुष्टि की है। इसके साथ ही मृतकों का आंकड़ा 17 तक पहुंच गया है। रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक संजय पाटिल ने बताया, ''कल रात तक 14 शव निकले गए थे। खोज दलों को आज सुबह तीन और शव दिखे हैं।'' उन्होंने बताया कि शवों को निकालने के प्रयास जारी हैं।
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने शाम में कहा, ''महाड त्रासदी में आठ शव मिले हैं और 42 लोग अभी तक लापता हैं।'' उन्होंने कहा कि सरकार ने त्रासदी में मारे गए लोगों के परिवारों को पांच-पांच लाख रूपये देने का फैसला किया गया है। सरकार ने घोषणा की है कि सार्वजनिक परिवहन के दो बसों के मृतक कर्मचारियों के परिजनों को या तो नौकरी दी जाएगी या 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।