राजा मानसिंह एनकाउंटर केस मामले में 35 साल बाद आया फैसला, डीएसपी सहित 11 पुलिसकर्मी दोषी करार, तीन बरी
सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर पर पुलिस की जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था रही। आम व्यक्ति का प्रवेश कोर्ट परिसर में रोक दिया गया था।
भरतपुर के राजा मानसिंह हत्याकांड में अदालत ने 18 में से 11 आरोपियों पर दोष सिद्ध पाया है। तीन आरोपियों को बरी कर दिया है। अन्य 3 आरोपियों की पूर्व में मौत हो चुकी है, वही एक आरोपी को अदालत पूर्व में बरी कर चुकी है।
जिन 11 आरोपियों पर दोष सिद्ध हुआ है उनमें डीएसपी कान सिंह भाटी भी शामिल हैं। इन 11 दोषियों को सजा अदालत बुधवार को सुनाएगी। गौरतलब है कि करीब 35 वर्ष पूर्व भरतपुर के डीग में राजा मानसिंह सहित तीन लोगों की पुलिस द्वारा गोली मारकर हत्या करने का आरोप था। इस मामले में राजा मानसिंह के दामाद ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। यह मामला जांच के लिए सीबीआई पर गया। बाद में इसकी सुनवाई 1990 में मथुरा स्थानांतरित की गई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर पर पुलिस की जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था रही। आम व्यक्ति का प्रवेश कोर्ट परिसर में रोक दिया गया था।
क्या था मामला
एनकाउंटर से एक दिन पूर्व राजा मान सिंह पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के हेलीकॉप्टर तथा मंच को अपने जोगा गाड़ी से तोड़ने का आरोप लगा था। इसके लिए राजा मानसिंह के खिलाफ दो अलग-अलग मुक़दमे भी कायम हुए थे। घटना के वक्त राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी और शिव चरण माथुर मुख्यमंत्री थे। इस मामले में डीएसपी कान सिंह भाटी सहित 17 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र सीबीआई ने दाखिल किया था।
सीबीआई ने की मामले की जांच
इस हत्याकांड की प्रारंभिक विवेचना राजस्थान पुलिस ने की और उसके बाद इस केस की विवेचना सीबीआई को ट्रांसफर हुई। मार्च 1985 में सीबीआई ने जांच शुरू की और विवेचना के बाद 18 लोगों के खिलाफ इस केस में आरोप पत्र प्रेषित किया। जिनमें से एक अभियुक्त महेंद्र सिंह जो सीओ कान सिंह भाटी का ड्राइवर था उसको डिस्चार्ज कर दिया गया और 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। सुनवाई के दौरान 3 अभियुक्तों की मृत्यु हो चुकी है।