राजस्थान की राजनीति पर रणथंभोर में होगी चर्चा, राहुल की राजस्थान यात्रा के बाद होगा बदलाव
राजस्थान कांग्रेस में आ रही कलह का मुकम्मल फार्मूला रणथंभोर में निकाले जाने की संभावना है । सोनिया गांधी का कल 9 दिसम्बर को जन्मदिन है । इसको मनाने के लिए स्वयं सोनिया उनकी पुत्री प्रियंका और पुत्र राहुल गांधी भी रणथंभोर पहुंच चुके है।
ऐसा माना जा रहा है कि तीनों के बीच अशोक गहलोत और सचिन पायलट की लंबित लड़ाई पर भी चर्चा होने की पूर्ण संभावना है। ऐसा रास्ता खोजा जाएगा जिससे आगामी चुनावों में पार्टी को फायदा हो । इसके अलावा गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणामों पर चर्चा होना स्वाभाविक है। गुजरात के चुनाव परिणाम से निश्चय ही कांग्रेस को सदमा लगा है। कांग्रेसियो का मानना था कि सरकार विरोधी लहर के मद्देनजर इस दफा बीजेपी का सूपड़ा साफ हो सकता है। लेकिन हुआ उल्टा है।
ऐसा माना जा रहा है कि राजस्थान के बारे मे जो भी निर्णय होगा, उसकी क्रियान्विति राहुल की राजस्थान यात्रा समाप्त होने के बाद होगी । यानी नए साल में नया निर्णय दिखाई दे सकता है । ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री बदलने की संभावना इसलिए कम नजर आ रही है क्योंकि अब स्वयं पायलट भी इस पद के इच्छुक नही बताए जाते है । ऐसे में उन्हें संगठन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है ।
पायलट के निकटवर्ती सूत्रों का कहना है कि पांच-छह महीने के लिए मुख्यमंत्री बनना समझदारी का सौदा नही है । अगर उनके नेतृत्व में चुनाव लड़े जाते है और पार्टी रिपीट नही होती है तो सारा बुराई का ठीकरा उनके सर पर फूटेगा । उधर, गहलोत युध्दस्तर पर बजट की तैयारियों में सक्रिय है । अगला बजट जनवरी में पेश किए जाने की संभावना है । यह बजट लोक लुभावन होगा ।