पवित्र अमरनाथ गुफा की बूटा मलिक नाम के गड़रिये ने की थी खोज, आइये जानते है पूरी कहानी

अमरनाथ की पवित्र गुफा को आज से करीब 500 साल पहले एक मुस्लिम बूटा मलिक नाम के गड़रिये ने खोजा था.बूटा मलिक के वंशज आज भी अमरनाथ यात्रा से जुड़े हुए है और बटकोट नाम की जगह पर रहते है

Update: 2018-06-28 11:32 GMT

जम्मू एंड कश्मीर: अमरनाथ यात्रा हमारे देश की सबसे बड़ी तीर्थ यात्रा मानी जाती है. कहने के लिए तो अमरनाथ की पवित्र गुफा हिन्दुओं का तीर्थ स्थान है.परन्तु इस स्थान का नाता एक मुस्लिम परिवार से भी काफी पुराना है.अमरनाथ की पवित्र गुफा को आज से करीब 500 साल पहले एक मुस्लिम बूटा मलिक नाम के गड़रिये ने खोजा था.बूटा मलिक के वंशज आज भी अमरनाथ यात्रा से जुड़े हुए है और बटकोट नाम की जगह पर रहते है.हालाँकि अमरनाथ यात्रा काफी विवादित और खतरनाक तीर्थ स्थान माना जाता रहा है क्यूंकि कभी पडोसी मुल्क के आतंक का खतरा,तो कभी प्राकृतिक आपदा आती रहती है परन्तु उसके बाद भी यात्रा करने वाले भक्तो की आस्था में कभी कोई कमी नहीं आती है. 

आईये जानते है पवित्र अमरनाथ गुफा के इतिहास के बारे में

बूटा मलिक के एक वंशज गुलाम हसन मलिक बताते हैं कि उन्होंने गुफा के बारे में जो सुना है उसके अनुसार इस गुफा को उनके पूर्वज बूटा मलिक ने खोजा था। वो कहते हैं, 'बिल्कुल पौराणिक कथाओं जैसा लगता है सुनने में। हुआ ये था कि हमारे पूर्वज थे बूटा मलिक, वो गड़रिए थे। पहाड़ पर ही भेड़-बकरियां वगैरह चराते थे। वहां उनकी मुलाकात एक साधु से हुई और दोनों की दोस्ती हो गई।'
 'एक बार की बात है बूटा मलिक को काफी सर्दी लगी तो उन्हें एक गुफा दिखाई दी और वो उस गुफा में चले गए। गुफा में ठंड लगी तो साधु ने उन्हें एक कांगड़ी दिया जो सुबह में सोने की कांगड़ी में तब्दील हो गया।' मलिक बताते हैं कि सुनी सुनाई बातों के अनुसार जब बूटा मलिक गुफा से निकले तो उन्हें ढेर सारे साधुओं का एक जत्था मिला जो भगवान शिव की तलाश में घूम रहे थे। मलिक कहते हैं, 'बूटा मलिक ने उन साधुओं से कहा कि वह अभी भगवान शिव से साक्षात मिलकर आ रहे हैं और वो उन साधुओं को उस गुफा में ले गए। जब ये सभी साधु गुफा में पहुंचे तो वहां बर्फ का विशाल शिवलिंग था और साथ में पार्वती और गणेश बैठे हुए थे। वहां अमर कथा चल रही थी उस समय।' इसी घटना के बाद से ही चली आ रही है अमरनाथ यात्रा.

Tags:    

Similar News