मुलायम के जन्मदिन और सैफई पर सरकारी धन की बर्बादी क्यों - मायावती

Update: 2016-01-15 07:40 GMT


लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का 60वां जन्मदिन शुक्रवार को जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस मौके पर राजधानी लखनऊ स्थित 12 मॉल एवेन्‍यू पर पार्टी के दिग्गज नेताओं ने केक काटकर मायावती को जन्मदिन की बधाई दी।इस मौके पर मायावती ने ब्लू बुक को लांच किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए कमर कसने को कहा।

सपा और लोहिया के समाजवाद में जमीन असमान का अंतर

मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में अराजक तत्वों और गुंडों की सरकार है। उन्होंने कहा कि अगर आज राम मनोहर लोहिया जिंदा होते तो सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को पार्टी से ही निकाल देते। ये सब देखने की क्षमता लोहिया में नहीं थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को सपा से सावधान रहने की जरूरत है। समाजवादी पार्टी का समाजवाद और लोहिया के समाजवाद में जमीन अासमान का अंतर है।


जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है बर्थडे
- बीएसपी हर जिले में अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का बर्थडे जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मना रही है।
- पूरे प्रोग्राम का लाइव टेलिकास्ट भी किया जाएगा।
-जनकल्‍याणकारी दि‍वस के मौके पर कार्यकर्ता 2017 में पार्टी की सरकार बनाने का संकल्‍प ले रहे हैं।
-पार्टी के एमएलए और वर्करों को गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद करने को कहा गया है।


मुलायम के जन्मदिन पर फिजूलखर्ची

मायावती ने प्रदेश सरकार को सैफई महोत्सव और मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर हुए बेतहासा पैसे के खर्च को लोहिया के विचारधारा के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि सपा ने मुलायम के जन्मदिन पर धन की बर्बादी हुई उनका जन्मदिन शाही तरीके से मनाया गया जो कि लोहिया के विचारधारा के खिलाफ थी।


बजा चुनाव का बिगुल
- मायावती अपने बर्थडे पर यूपी में 2017 के असेंबली इलेक्शन का आगाज किया।
- इसके साथ ही उन्होंने इस साल असम, तमिलनाड़ू, केरल, पुंडूचेरी में होने वाले इलेक्शन पर भी फोकस करने को कहा है।
- सभी वि‍धानसभा को-ऑर्डिनेटरों को जनता को जुटाने के लिए कहा गया है।

सवर्णों को भी आर्थिक आधार पर मिले आरक्षण
मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर सवर्णों के लिए आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सवर्णों को आर्थिक पर आरक्षण देने के पक्ष में है। उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दलितों और पिछड़ों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा। दलितों का हक़ छीना जा रहा है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह दलित वोट को अपने पक्ष में करने में लगी हुई है लेकिन ऐसा होगा नहीं।

पीएम मोदी ने झूठे वादे किए
मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी हमला करते हुए कहा कि उन्होंने जनता से किए गए एक भी वादे पूरे नहीं किए है। उन्होंने काले धन के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि अभी तक किसी के भी खाते में 20-20 लाख रुपए नहीं आए।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कई योजनों को जनता ने रिजेक्ट कर दिया है। केंद्र की योजनायें दलित विरोधी हैं और यह सरकार धनासेठों के लिए काम कर रही है। मायावती ने केंद्र पर महापुरुषों के नामों का राजनैतिक रूप से दुरूपयोग करने का भी आरोप लगाया।
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