गिरीश मालवीय
फेसबुक के बुद्धिजीवियों से आप शरीर में इंसर्ट की जाने वाली माइक्रोचिप के बारे में अगर आप बात करे तो वो पहले तो हँसते है फिर चिढ़कर आपको सीधे कांस्पिरेसी थ्योरिस्ट का ही तमगा दे देते है लेकिन आँखे खोल कर देख लीजिए इन तस्वीरों को, माइक्रोचिप के माध्यम से डिजिटल पहचान की यह तकनीक आ चुकी है। ......और इसका इस्तेमाल होना भी शुरू हो गया है अभी तक बतौर ट्रायल दुबई में अब तक 500 लोग यह चिप इस्तेमाल कर रहे है इस तकनीक में कस्टमर के हाथो की ऊँगली के नाखून में एक छोटी सी माइक्रोचिप लगायी जाती है. इस तकनीक के जरिये आपके नाखून पर पूरा डेटा आ जाता है और आप इसे अपने साथ लेकर चलते हैं. नाखून में माइक्रोचिप लग जाने के यह एक चलता फिरता क्रेडिट या डेबिट कार्ड बन जाता है.
मैनीक्योर के जरिये यह चिप सीधे आपके नाखून में लगा दी जाती है. नाखून पर लगा माइक्रोचिप नियर फिल्ड कम्युनिकेशन( Near Field communication) तकनीक पर काम करती है. यह एक वायरलेस तकनीक है जो शॉर्ट रेंज पर काम करती है. इससे स्मार्टफोन, पेमेंट कार्ड समेत अन्य डिवाइस भी स्मार्ट बन जाते हैं. इसके लिए आपके नाखूनों में किसी प्रकार की कोई सर्जरी नहीं होती है. ना ही आपको इंजेक्शन लेना पड़ता है. बस बड़े ही आराम से यह माइक्रोचिप आपके नाखून के उपर रख दी जाती है. माइक्रोचिप को नाखून पर लगाने के लिए एक खास प्रकार की कटिंग की जाती है. इसके बाद इसमें चिप को डाल दिया जाता है. फिर इसके बाद एक स्कैन से आप नाखून में लगे चिप का इस्तेमाल कर सकते हैं.
यही नहीं अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी माइक्रोचिप और तकनीक विकसित की है, जो आपके शरीर में कोरोनावायरस के लक्षण को बेहद आसानी से पहचान लेगी और बाद में वायरस को फिल्टर के जरिए खून से निकाल लिया जाएगा डॉ. हेपबर्न ने कहा कि माइक्रोचिप को शरीर के किसी भी हिस्से में त्वचा के नीचे लगाया जा सकता है। यह शरीर में होने वाली हर तरह की रासायनिक प्रतिक्रिया बताएगी और उसके द्वारा भेजे जाने वाले संकेत बताएंगे कि आप कितनी देर में संक्रमित हाेने वाले हैं।