चाइनीज एप पर बैन लगाए जाने की खबर फर्जी, सरकार ने किया इनकार
सरकार ने कहा है कि यह ऑर्डर पूरी तरह फेक है।
नई दिल्ली : सोशल मीडिया पर एक मेसेज तेजी से वायरल हो रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्ट्री के नैशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर की ओर से चीन के ऐप्स का इस्तेमाल बंद करने का ऑर्डर दिया गया है। सरकार ने ऐसे दावे से इनकार करते हुए इसे पूरी तरह झूठा बताया है। वायरस मेसेज में कहा गया था कि चाइनीज ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर भी रिस्ट्रिक्ट कर दिया जाएगा। सरकार ने कहा है कि यह ऑर्डर पूरी तरह फेक है।
सरकार ने कहा है कि गूगल या ऐपल को ऐसे कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। वायरस मेसेज में कहा गया है कि भारत सरकार ने गूगल और ऐपल के रीजनल एग्जक्यूटिव और रिप्रेजेंटेटिव्स से कहा है कि 'चाइनीज ऐप्लिकेशंस को फौरन उनके स्टोर पर रिस्ट्रिक्ट कर दिया जाए।' इसके साथ ही ऐप्स की लिस्ट भी शेयर की जा रही है, जिनमें TikTok, VMate, Vigo Video, LiveMe, Bigo Live, Beauty Plus, CamScanner, Club Factory, Shein, Romwe और AppLock शामिल हैं।
Claim: A viral message of an order allegedly from NIC claims that @GoI_Meity has prohibited some apps from being made available on App Stores. #PIBFactCheck: The Order is #Fake. No such instruction has been given by @GoI_MeitY or NIC. pic.twitter.com/Dt7rMR7nIz
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 19, 2020
सरकार ने कहा- फेक है ऑर्डर
चाइनीज ऐप्स की इस लिस्ट में कई गेम्स जैसे- Mobile Legends, Clash of Kings और Gale of Sultans को भी शामिल किया गया है। मेसेज में कहा जा रहा है कि इन ऐप्स की मदद से यूजर्स की प्रिवेसी को खतरा है और इससे देश को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। PIB के ऑफिशल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा गया है कि यह ऑर्डर पूरी तरह फेक है और ऐसे कोई भी आदेश भारत सरकार या मंत्रालय द्वारा किसी को नहीं दिए गए हैं।
ऐसे हालात में फेक ऑर्डर वायरल
फेक ऑर्डर सीमा पर भारत और चीन के बीच देखने को मिले तनाव और जवानों के शहीद होने के बाद वायरस किया गया। सोशल मीडिया पर यूजर्स चाइनीज प्रोडक्ट्स और ऐप्स का बायकॉट करने की मांग भी उठा रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी बीच किसी ने फेक ऑर्डर बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया और सभी इसकी सच्चाई जाने बिना इसे एक से दूसरी जगह शेयर करने लगे। ट्विटर पर भी यूजर्स चीन के सामान का बायकॉट करने की मांग से जुड़े ट्रेंड्स चला रहे हैं।