Tik Tok भारत में बैन? जानिए- कंपनी का क्या कहना है
मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर से इस ऐप को हटा लिया गया है.
भारत में TikTok के 12 करोड़ मंथली ऐक्टिव यूजर्स हैं. मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर से इस ऐप को हटा लिया गया है. यानी अब नए यूजर्स इसे डाउनलोड नहीं कर पाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं है कि इस ऐप ने काम करना बंद कर दिया है और इसे आप यूज नहीं कर पाएंगे.
मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के बाद टिक टॉक का ये बयान आया
हम मद्रास हाई कोर्ट द्वारा अरविंद दारत को कोर्ट में इंडिपेंडेंट काउंसिल अप्वाइंट करने के फैसला का सम्मान करते हैं. हमें भारतीय न्यायिक प्रणाली में विश्वास है और हमें इस बात को लेकर आशावादी हैं जिससे भारत में लगातार 120 मिलियन से ज्यादा मंथली ऐक्टिव टिक टिक यूजर्स इस ऐप को यूज करते रहेंगे.
गौरतलब है कि टिक टॉक की पेरेंट कंपनी बाइट डांस है और इसके तहत कई ऐप्स आते हैं. ये चीन की कंपनी है और न्यूज रीडिंग ऐप की वजह से इसकी शुरुआती कमाई हुई. लेकिन टिक टॉक के बाद से ये ज्यादा पॉपुलर हुई है इन्वेस्टर्स ने इसमें निवेश करना शुरू किया और इसकी वैल्यू 75 बिलियन डॉलर की हो घई.
भारत टिक टॉक के लिए बड़ा मार्केट है और कंपनी यहां इसे बनाए रखने के लिए हो सकता है अपनी पॉलिसी में भी बदलाव करेगी. रिपोर्ट के मुताबिक टिक टॉक ने कुछ ही समय पहले अपने कॉमेन्ट्स में फिल्टर्स लगाने शुरू किए हैं.
टिक टॉक के एक प्रवक्ता ने न्यूज18 को बताया है कि कंपनी ने यूजर्स के अकाउंट सेफ्टी के लिए कई कदम उठाए हैं. यूजर्स किसी भी गाइडलाइन के वायलेशन को रिपोर्ट कर सकते हैं. यूजर्स किसी अकाउंट को रिपोर्ट कर सकते हैं और हाल ही में टिक टॉक ने कॉमेन्ट सेक्शन में भी फिल्टर लगाया है जिससे यूजर्स सेल्फ डिफाइंड वर्ड्स हिंदी या इंग्लिश चुन सकते हैं, ताकि जो उन्हें पसंद न हो कोई कॉमेन्ट न कर सके.
हालांकि टिक टॉक द्वारा उठाए गए ये कदम से शायद कोर्ट को कोई असर न हो, क्योंकि ने इसे इसलिए ब्लॉक करने का आदेश दिया है क्योंकि ये पॉर्न और बच्चों में यौन हिस्सा को बढ़ावा देता है. लेकिन टिक टॉक ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक स्टेटमेंट जारी नहीं किया है न ही ये कहा है कि कोर्ट के इस फैसले पर क्या कहना है.
कुल मिला कर ये है कि नजदीक भविष्य में टिक टॉक पर बैन जारी रह सकता है. हमने टिक टॉक से कोर्ट के इस फैसले और गूगल और ऐपल द्वारा ऐप ब्लॉक करने पर स्टेटमेंट मांगा है.