क्या आपको कार के RPM मीटर के बारे में ये जानकारी, इसके फायदे जानकर हो जाएंगे हैरान

बता दे कि 90 प्रतिशत कार चलाने वाले लोग भी इस सिस्टम से अनजान रहते हैं। इस सिस्टम से आप कार का आइडल आरपीएम पता कर सकते हैं। साथ ही पता लगा सकते हैं कि कार में डीजल इंजन लगा है या पेट्रोल। इसके अलावा कार का माइलेज बढ़ाने के लिए भी काफी मदद मिल सकती है।

Update: 2023-02-14 12:08 GMT

आज के समय में पर्सनल मोबिलिटी की डिमांड ज्यादा बढ़ गई है। साथ ही ज्यादातर लोग खुद की कार खरीदना पसंद कर रहे हैं। कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें कार ड्राइव करने का बहुत शौक होता है। ऐसे लोगों को कार के हर सिस्टम की बहुत जानकारी होती है। लेकिन यहां हम आज आपको कार के एक ऐसे सिस्टम के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में हैवी ड्राइवर भी नहीं जानते हैं। 90 प्रतिशत कार चलाने वाले लोग भी इस सिस्टम से अनजान रहते हैं और उन्हें इसका सही से इस्तेमाल करना नहीं आता है।


हम बात कर रहे हैं कार के RPM मीटर की, जिसे टेकोमीटर के नाम से जानते हैं. RPM का फुल फॉर्म रोटेशन पर मिनट होता है, जो यह बताता है कि कार का इंजन एक मिनट में कितनी बार रोटेट करता है यानी घूमता है। ज्यादा रोटेशन का मतलब ज्यादा पावर का उत्पादन होता है। यह RPM मीटर कार के स्टेयरिंग के ठीक सामने स्थित स्पीडोमीटर के साथ लगा रहता है। RPM मीटर में 1 से लेकर 6 तक नंबर लिखे होते हैं। कई कारों में यह नंबर 8 तक लिखे रहते हैं। यहां एन नंबर का मतलब 1 हजार RPM होता है। कार का एक्सलेरेटर दबाने और गियर बदलने पर आरपीएम बढ़ता है।



जाने क्या है RPM मीटर का काम?

1. इसका पहला काम यह है कि इससे जरिए आप कार का आइडल आरपीएम पता कर सकते हैं। पेट्रोल कार के लिए आइडल आरपीएम 800 से हजार तक होता है और डीजल इंजन वाली कारों के लिए आइडल आरपीएम 700 से 800 तक होता है।

2. जब आप किसी और की कार चलाते हैं तो इससे जरिए पता लगा सकते हैं कि उसमें डीजल इंजन लगा या पेट्रोल इंजन लगा है। अगर कार का आरपीएम 8000 तक हो तो समझ लेना की कार पेट्रोल है और आरपीएम लिमिट 6000 तक हो तो समझ लीजिए वो डीजल इंजन कार है।

3. टेकोमीटर की मदद से कार का गियर सही समय पर बदल सकते हैं। अगर आप एक आइडल आरपीएम पर गियर बदलेंगे तो कार का माइलेज काफी अच्छा मिलेगा। 1 हजार से 2 हजार के बीच आरपीएम रखने पर माइलेज बेहतर होगा।





4. टेकोमीटर के जरिए किसी भी कार की कंडीशन का पता कर सकते है। अगर कार स्टार्ट करने बाद आरपीएम का कांटा ऊपर-नीचे ज्यादा हो रहा हो तो समझ लिजिए कि इंजन में कुछ न कुछ दिक्कत हो सकती है। इसकी वजह से कुछ भी हो सकती है।

5. टेकोमीटर के लिए हम कार के क्लच और गियर बॉक्स की कंडीशन के बारे में भी जान सकते हैं। इसके लिए ड्राइव करते समय क्लच दबाने पर आरपीएम मीटर की स्थिति चेक करते हैं। अगर आरपीएम वापस उसी कंडीशन में आ जाता है समझ लेना कि क्लच ठीक है।

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